जब भारत को बचाया हारने से

दिलीप वेंगसरकर ने अपना अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1975-76 में न्यूजीलैंड के विरूद्ध शुरू किया। उन्होंने भारत के लिए ओपनिंग की। भारत यह मैच आराम से जीता परंतु दिलीप वेंगसरकर का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रह। इसके बाद 1979 में दिलीप वेंगसरकर ने पाकिस्तान के विरूद्ध दूसरे टेस्ट मैच में जबरदस्त खेल दिखाया। यह मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला गया जहां भारत को जीतने के लिए 390 रनों की जरूरत थी। भारत मैच जीत तो नहीं सका लेकिन वेंगसरकर की बदौलत ड्रा जरूर हो गया।

दिलीप वेंगसरकर : अस्‍सी के दशक का दुनिया का नंबर वन बल्‍लेबाज,जिसे लोग कर्नल बुलाते थे

दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज

दिलीप वेंगसरकर 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। 1985 से 1987 के बीच,  दिलीप वेंगसरकर ने टीम के लिए अच्छे खासे रन बनाए। पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वैस्टइंडीज और श्रीलंका के विरूद्ध कई शतक जमाए। इस रिकॉर्ड के दम पर वे कूपर्स और लेब्रांड रेटिंग में सबसे अच्छे बल्लेबाज बनने में भी सफल हुए। और उस वक्त वह एलन बार्डर और क्लाइव लॉयड से भी आगे थे।

दिलीप वेंगसरकर : अस्‍सी के दशक का दुनिया का नंबर वन बल्‍लेबाज,जिसे लोग कर्नल बुलाते थे

अगर इंग्लैंड की तरफ से खेलते वेंगसरकर

दिलीप वेंगसरकर के अदंर जितनी प्रतिभा है, उन्हें उतनी पहचान नहीं मिली। कहा जाता है कि इंग्लिश खिलाड़ी डेविड गोवर अगर भारत में पैदा होते तो वह ज्यादा फेमस होते। वहीं दिलीप अगर इंग्लिश खिलाड़ी होते, तो वह और निखर कर आ जाते। खैर भारत में भी वेंगसरकर का काफी सम्मान हुआ है। वह भारतीय टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। साल 1987 वर्ल्ड कप के बाद कपिल देव की जगह वेंगसरकर को कप्तानी सौंपी गई थी।

दिलीप वेंगसरकर : अस्‍सी के दशक का दुनिया का नंबर वन बल्‍लेबाज,जिसे लोग कर्नल बुलाते थे

Cricket News inextlive from Cricket News Desk

Cricket News inextlive from Cricket News Desk