फिल्म: दिल बेचारा
कहां देखें: डिज्नी प्लस हाॅटस्टार
डायरेक्टर: मुकेश छाबड़ा
कास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, संजना सांघी
सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' जमशेदपुर के स्टील टाउन में गढ़ी गई है। स्क्रिप्ट काफी सिंपल और सुलझी हुई है। बिना समय बर्बाद किए फिल्म सीधे प्वाॅइंट पर पहुंचती है। डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा की यह डेब्यू फिल्म है मगर फिल्म देखने के बाद आपको कहीं नहीं लगेगा कि यह किसी नौसिखिए निर्देशक द्वारा डायरेक्ट की गई। फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी इसका संगीत है जिसे तैयार किया है मशहूर म्यूजिशियन एआर रहमान ने। रहमान लंबे अरसे बाद अपने फाॅर्म में वापस लौटे हैं। दिल्ली 6 के बाद रहमान का यह अब तक का बेस्ट म्यूजिक होगा। 'दिल बेचारा' का म्यूजिक काफी बेहतर है और कई दिनों तक यह दर्शकों के मन में गुनगुनाएगा।
जानें किसका-कैसा है कैरेक्टर
यह फिल्म 'जाॅन ग्रीन' के नाॅवेल 'द फाॅल्ट इन अवर स्टाॅर्स' पर बनी हाॅलीवुड फिल्म की हिंदी रिमेक है। हालांकि इसमें कुछ देशीपन डाला गया है। खासतौर से बंगाली टच की बात ही अलग है। फिल्म में एक्ट्रेस के पैरेंट्स स्वस्तिका मुखर्जी और सास्वत चटर्जी ने बंगाली में बढ़िया रोल किया है। इसके अलावा फिल्म में सैफ अली खान ने कैमियो रोल किया है, वह म्यूजिशियन की ड्रेस पहने नजर आते हैं जो बिल्कुल फेमस आइरिश सिंगर-साॅन्ग राइटर बोनो जैसे दिखते हैं।
क्या है फिल्म की कहानी
आपको पहले से पता है कि ये फिल्म काफी इमोशनल है। फिल्म में सुशांत और संजना का कैरेक्टर बीमार है। पूरी पिक्चर में बस यही अंदाजा लगाया जाता है कि पहले कौन मर जाएगा। एक-दूसरे के प्यार में डूबे मैनी और किजी साथ निभाना चाहते हैं मगर वह जिंदगी की हकीकत से लड़ रहे हैं। फिर यह दोनों जिंदगी को एक और जीने का मौका देते हैं। फिल्म पूरी तरह से मौत के बारे में है और हकीकत में फिल्म का हीरो खुद जिंदगी से हारकर दुनिया को अलविदा कह चुका है। सुशांत की फिल्मों पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि ज्यादातर फिल्मों में उनका कैरेक्टर मर जाता है। चाहे वह 2013 में आई 'काॅय पो छे' हो या फिर 2018 में रिलीज हुई 'केदारनाथ', हालांकि 2019 में आई फिल्म 'छिछोरे' में सुशांत का किरदार जिंदा रहता है और ये फिल्म सुसाइड के खिलाफ थी।
Review By: Mayank Shekhar
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