कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। आज से 34 साल पहले एक फुटबॉल वर्ल्ड कप ऐसा खेला गया, जिसमें खिलाड़ी ने हाथ से गोल कर मैच जीत लिया। ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना थे। टेलीग्रॉफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 22 जून 1986 को मैक्सिको सिटी में अर्जेंटीना और इंग्लैंड के बीच क्वॉर्टर फाइनल मैच खेला गया। यह मैच कई मायनों में अहम था, या यूं समझ लीजिए कि क्रिकेट में जो हाल भारत-पाकिस्तान का है वहीं प्रतिद्वंदिता फुटबॉल में इंग्लैंड और अर्जेंटीना की। इतनी बड़ी राइविलरी के बावजूद जब माराडोना ने हाथ से गोल कर दिया तो हंगामा खड़ा होना लाजिमी था।
जानिए कैसे हुआ था ये गोल
मैच का फर्स्ट हॉफ गुजर चुका था, इंग्लैंड एक गोल के साथ आगे था। अर्जेंटीना के ऊपर दबाव काफी बढ़ चुका था तभी 51वें मिनट में अर्जेंटीना के खिलाड़ी जॉर्ज वल्दानो ने गोल पोस्ट के पास खड़े माराडोना को गेंद पास की। उस वक्त गेंद हवा में थी और माराडोना ने सोचा क्यों न इसे सिर से मारकर विरोधी टीम के गोल पोस्ट में इसे डाल दें। माराडोना अभी थोड़ा उछले ही थे कि गेंद उनके बाएं हाथ से लगकर गोल पोस्ट के अंदर चली गई। इंग्लिश खिलाड़ियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई मगर उस दिन मैच में रेफरी रहे टू्यूनीशिया के अली बिन नसर ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उन्होंने माराडोना के हाथ में गेंद लगते हुए नहीं देखा और इस गोल को वैध करार कर दिया। इसके ठीक चार मिनट बाद माराडोना ने 5 खिलाड़ियों को छकाते हुए गेंद फिर से इंग्लैंड के गोल पोस्ट में डाल दी, इसे गोल ऑफ द सेंचुरी कहा गया। अर्जेंटीना ने यह मैच 2-1 से अपने नाम कर फाइनल का टिकट कटा लिया। खिताबी मुकाबले में वेस्ट जर्मनी को हरा अर्जेंटीना 1986 फुटबॉल वर्ल्ड कप चैंपियन बना।
इसे हैंड ऑफ गॉड भी कहा जाता है
1986 फुटबॉल वर्ल्ड कप भले ही अर्जेंटीना ने जीता हो मगर सालों तक माराडोना के हाथ से किए गए गोल की चर्चा रही। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस दिन इंग्लैंड को हराकर जब मैच खत्म हुआ तो पोस्ट मैच प्रेस कांफ्रेंस में माराडोना ने इस पूरे प्रकरण का जिक्र किया। तब माराडोना ने कहा था कि, 'ये गोल कुछ मेरे सिर से हुआ और कुछ भगवान के हाथ से।' तब से यह विवादित गोल 'हैंड ऑफ गॉड' के नाम से जाना जाने लगा। पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के चलते तब माराडोना को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के लिए गोल्डन बॉल से नवाजा गया।