मच्छरों के मुंह में 47 दांत
मच्छरों को मारने के लिए हम कई तरह के प्रॉडक्ट्स यूज करते हैं क्योंकि मच्छरों के काटने से मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियां फैलने का डर रहता है. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि एक जरा सा मच्छर आपकी मजबूत खाल को कैसे काट पाता है. दरअसल मच्छर अपने 47 दांतों की मदद से अपने शिकार पर अटैक करता है. इस अटैक की मुद्रा में मच्छर इतनी तेज से अपने दांतों को यूज करता है कि शिकार की खाल में छेद हो जाता है. मच्छर के मुंह को प्रोबोसिस कहा जाता है जिसमें 47 धारदार स्टालेट्स और दो ट्यूब्स होती हैं.
खून को धब्बा बनने से रोकता है मच्छर
अपने 47 दातों से शिकार के शरीर में छेद करके मच्छर सबसे पहले अपनी पहली ट्यूब को शिकार के शरीर में इंजेक्ट कर देता है. यह पहली ट्यूब एंटी-कॉग्यूलेंट ड्रग को शिकार के शरीर में छोड़ देती है. गौरतलब है कि खून में हवा के संपर्क में आते ही जम जाने का गुण मौजूद होता है. इसलिय यह ट्यूब एंटी-कॉग्यूलेंट ड्रग को छोड़कर खून को जमने से रोकती है. इसके साथ ही मच्छर अपनी दूसरी ट्यूब को शिकार के शरीर में इंजेक्ट करा देती है. इस ट्यूब से मच्छर खून पीना शुरू कर देता है. उल्लेखनीय है कि मच्छर शिकार की अपनी प्रक्रिया को इतनी तेजी से पूरी करता है कि शिकार को पता भी नही चलता है.
मच्छर नही गाते कोई गाना
अगर कोई आपसे कहे कि मच्छर किसी तरह की आवाज नही निकालते तो आप सहसा विश्वास नही करेंगे क्योंकि मच्छरों ने कभी ना कभी आपके कान के आसपास उड़ते हुए आपकी नींद में खलल डाला होगा. लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है कि मच्छर किसी तरह की परेशान करने वाली आवाज नही निकालते हैं. दरअसल मच्छर एक सेकेंड में 300 से 600 बार अपने पंख फड़फड़ाते हैं. इसलिए उनके पंखों के फड़फड़ाने की आवाज से शोर पैदा होता है. इसके साथ ही मच्छरों में नर और मादा मच्छरों अपने पंखों को एक साथ फड़फड़ाते हैं जिससे मच्छरों का गाना शुरू होता है.
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