देवयानी के वकील डेनियल अर्शेक ने बीबीसी को यह जानकारी दी है. वकील का कहना है कि देवयानी भारत वापस लौटते हुए बहुत खुश हैं. देवयानी ने अपने वकील से कहा कि उन्होंने कोई ग़लती नहीं की है और वे चाहती हैं कि सबको सच्चाई पता चले.
उधर, अमरीका की ग्रांड ज्यूरी ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के ख़िलाफ़ अभियोग औपचारिक रूप से तय कर दिया है.
सरकारी वक़ीलों का यह भी कहना है कि देवयानी को राजनयिक सरंक्षण प्रदान किया गया है और अमरीकी अधिकारियों ने उनसे देश छोड़कर चले जाने के लिए कहा था.
देवयानी को वीज़ा धोखाधड़ी और न्यूयॉर्क में अपनी घरेलू कर्मचारी को कम मेहनताना देने के आरोप में पिछले महीने हिरासत में लिया गया था.
इसकी वजह से दोनों देशों के के संबंधों में तनाव आ गया था. अमरीका में भारतीय राजनयिक की जामा-तलाशी भी ली गई थी. इस पर भारत ने अमरीका से माफ़ी मांगने के लिए कहा था.
न्यूयॉर्क सदर्न डिस्ट्रिक्ट के एटॉर्नी कार्यालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ''आग्रह किए जाने पर विदेश विभाग ने उन्हें परामर्श दिया था कि देवयानी खोबरागड़े को इस दोपहर अमरीका छोड़ना था.''
क्या है पेंच
अमरीकी प्रशासन के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि अमरीका ने भारत का यह अनुरोध स्वीकार किया कि देवयानी को पूर्ण राजनयिक सरंक्षण दे दिया जाए और फिर भारत से यह अनुरोध किया गया वे इस सरंक्षण को हटाने पर राज़ी हो जाए.
संरक्षण अगर हट जाता तो उन पर मुक़दमा चल सकता था, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं हुआ और तब देवयानी से देश छोड़ने का अनुरोध किया गया.
अधिकारी ने बताया था कि यह साफ़ करने की ज़रूरत है कि देवयानी को 'परसोना नान ग्राटा' (अवांछित) घोषित नहीं किया गया, जिसके तहत 72 घंटे में देवयानी को अमरीका छोड़ना पड़ता.
देवयानी पर आरोप बरक़रार रहेंगे लेकिन मुक़दमा नहीं चल सकता. देवयानी के पति अमरीकी नागरिक हैं, इसलिए यह मामला और पेचीदा हो गया है.
क्या है मामला
बीते साल 12 दिसम्बर को गिरफ़्तारी के समय देवयानी खोबरागड़े न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास में अतिरिक्त कौंसल जनरल की हैसियत से राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्य और महिलाओं के मामलों की देखरेख कर रही थी.
उन्हें अपनी घरेलू कर्मचारी संगीता रिचर्ड की शिक़ायत के बाद हथकड़ी लगाई गई थी और उनकी जामातलाशी भी ली गई थी.
देवयानी अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों से इंक़ार करती रही हैं और उन्होंने संगीता रिचर्ड पर चोरी तथा ब्लेकमैल करने का आरोप लगाया है.
अमरीका में हुए घटनाक्रम के जबाव में भारत ने अमरीकी दूतावास को मिलने वाली छूटों में कटौती कर दी है. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर तनाव बढ़ गया था.
राजधानी दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास के बाहर सुरक्षा अवरोधकों को हटा दिया गया था और तब भारत का दौरा कर रहे एक अमरीकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात से भारतीय नेताओं ने मना कर दिया था.
ख़बरों में कहा गया कि भारत ने दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास के ''परिसर में व्यावसायिक गतिविधियों'' को रोकने का भी आदेश जारी किया है.
भारत ने ये भी कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन करने पर दूतावास के वाहनों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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