देवयानी के वकील ने वीज़ा फ़र्ज़ीवाड़ा मामले में सुनवाई शुरू करने के लिए अदालत से और समय मांगा था.
न्यूयार्क के दक्षिणी ज़िला अदालत की न्यायाधीश साराह नेटबर्न ने कहा है कि उन्होंने जो राहत मांगी है, उसके तहत सुनवाई की तारीख़ को टाला नहीं जाएगा.
वाशिंगटन बीबीसी संवाददाता ब्रजेश उपाध्याय ने बताया कि अदालत के इस फ़ैसले के बाद अब देवयानी खोबरागड़े का 13 जनवरी को अदालत में पेश होना और उन पर मुक़दमे की कार्रवाई शुरू होना तय माना जा रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ साराह नेटबर्न ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामले में अभियुक्त की गिरफ्तारी या उसे समन भेजने के 30 दिनों के भीतर आयोग के समक्ष आरोप पत्र दाख़िल हो जाना चाहिए.
तनावपूर्ण रिश्ते का असर
इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई ने ख़बर दी है कि अमरीका के ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज़ ने इस महीने प्रस्तावित भारत यात्रा स्थगित कर दी है.
पीटीआई के मुताबिक़ दौरा भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ़्तारी के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के कारण स्थगित की गई है.
भारत-अमरीका के बीच ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में होने वाली वार्ता का नेतृत्व ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज़ करने वाले थे. अमरीकी ऊर्जा विभाग के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि दोनो देशों की सहूलियत के अनुसार यात्रा की तारीख़ दुबारा तय की जाएगी.
उन्होंने कहा, "हम भारत और अमरीका के बीच ऊर्जा सहयोग को काफ़ी महत्वपूर्ण समझते हैं. अमरीका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने भारत दौरे के समय दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की बात कही थी."
देवयानी के मामले में अदालत ने कहा, "अभियुक्त ने सिर्फ़ आरंभिक सुनवाई की तारीख़ को 30 दिन आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है... सिर्फ़ सुनवाई की तारीख़ में बदलाव करने से आरोप पत्र दाख़िल करने की समय सीमा में बदलाव नहीं किया जा सकता है."
नहीं चली कोई दलील
"हम भारत और अमरीका के बीच ऊर्जा सहयोग को काफ़ी महत्वपूर्ण समझते हैं. अमरीका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने भारत दौरे के समय दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की बात कही थी."
-जेन साकी, अमरीकी ऊर्जा विभाग के प्रवक्ता
नेटबर्न ने अपने तीन पेज के आदेश में कहा, "इसके लिए कोई उचित कारण नहीं बताया गया है और आरंभिक सुनवाई की तारीख़ को टालने के लिए अभियुक्त के अनुरोध को नामंज़ूर किया जाता है."
उन्होंने कहा कि चूंकि खोबरागड़े को 12 दिसंबर, 2013 को गिरफ्तार किया गया था, इसलिए उनके ख़िलाफ़ 13 जनवरी तक अभियोग दायर करना ही होगा.
बीबीसी संवाददाता ब्रजेश उपाध्याय के अनुसार13 तारीख़ को अदालत में पेशी के दौरान अभियोजन पक्ष ये कहेगा कि उसके पास देवयानी के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं, लिहाज़ा देवयानी के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाए जाने की इजाज़त दी जानी चाहिए.
ग़ौरतलब है कि इस प्रक्रिया के तहत बचाव पक्ष यानी कि देवयानी के वकील को अपने मुवक्किल की सफ़ाई में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं होगा. इसका सीधा अर्थ ये है कि देवयानी के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाए जाने की महज़ अब औपचारिकता ही बाक़ी है.
इससे पहले देवयानी के वकील डेनियल आशर्क ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें अभियोग पक्ष के साथ अर्थपूर्ण विचार-विमर्श के लिए और समय चाहिए.
देवयानी की गिरफ्तारी के बाद उनकी कथित निर्वस्त्र तलाशी और कथित तौर पर पेशेवर अपराधियों के साथ कोठरी में रखे जाने पर भारत और अमरीका के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत सरकार ने सख़्त क़दम उठाते हुए अपने राजनयिक से हुए दुर्व्यवहार पर ऐतराज़ जताया.
इसके बाद भारत सरकार ने देवयानी खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र के स्थाई मिशन पर स्थानांतरित कर दिया ताकि उन्हें राजनयिक संरक्षण मिल सके.
International News inextlive from World News Desk