लड़की ने खुद की सुहागरात की तैयारी
दरअसल यह पूरा मामला कर्नाटक हाईकोर्ट से जुडा है। जहां पर कोर्ट ने तलाक के मामले में 'सेक्स' को आधार मानते हुए शादीशुदा जोड़े की तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में मैसूर फैमिली कोर्ट के एक फैसले को खारिज कर दिया है। इससे पहले मैसूर की अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अगर लड़की को अपनी शादी के बाद 'फर्स्ट नाइट' यानि सुहागरात की तैयारी खुद करनी पड़े और पति से शादी की रिसेप्शन के बाद साथ में रात गुजारने के लिए विनती करनी पड़े तो इसे उस लड़की का अपमान समझा जाएगा।

पहली रात की वो कहानी
हालांकि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए कि 'फर्स्ट नाइट' का अरेंजमेंट कौन कर रहा है। हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि फैमिली कोर्ट की महिला जज ने इस मामले में खुद की धारणा के हिसाब से निर्णय लिया है। इसमें उन परिस्थितियों के बारे में सोचा गया है जिसमें पत्नी के पिता की मृत्यु हो चुकी है और जिस कारण उसे खुद अपनी ही शादी की ‘पहली रात’ की व्यवस्था करनी पड़ी या उसे शादी के रिसेप्शन के दिन अपने पति से उसके घर में रुकने के लिए विनती करनी पड़ी। हाईकोर्ट ने कहा कि लड़की अपने परिवार की मदद से 'फर्स्ट नाइट' की व्यवस्था कर सकती थी। ऐसा नहीं था कि लड़की अकेली और बेसहारा थी। उसके साथ उसका भाई और मां भी थी।

ऐसे लगी तलाक की अर्जी
कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पति और पत्नी ने एक दूसरे पर सेक्स ना करने का आरोप लगाया। इसके बाद पति ने तलाक का केस दाखिल किया। वहीं पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का केस दायर किया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पत्नी ने गुस्से में आकर पति के खिलाफ झूठा दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि यह पत्नी ने सेक्स न करने के लिए एक खेल खेला। फिलहाल हाईकोर्ट ने दोनों की तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने दोनों को तलाक देने की वजह शारीरिक अक्षमता या इसे सेक्स की असफलता का नहीं है।

inextlive from Relationship Desk

 

Relationship News inextlive from relationship News Desk