लखनऊ (एएनआई / पीटीआई)। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आज बुधवार को अयोध्या के 1992 के विवादित ढांचा ध्वंस मामले में अपना फैसला सुना दिया। इस मामले में भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा सहित सभी 32 आरोपी बरी हो गए हैं। महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, और अन्य भी आरोपी थे। विशेष सीबीआई कोर्ट ने देखा कि 1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था।


अदालत परिसर में की गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
1992 में हुई घटना के संबंध में सुनवाई से पहले, इसे ध्यान में रखते हुए अदालत परिसर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अदालत के आसपास इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। 28 साल पुराने इस मामले में 49 आरोपी थे जिनमें से 17 का निधन हो गया है। इसलिए, अदालत बाकी 32 आरोपियों पर अपना फैसला सुनाया। इन सभी शारीरिक रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया था। हालांकि, कोरोना वायरस के चलते अस्वस्थ रहने वालों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने से छूट दी गई थी।


कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुरक्षा व्यवस्था पर एक दिन पहले एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें निर्णय लिया गया था कि आरोपी और उनके अधिवक्ता गेट नंबर 3 के माध्यम से अदालत परिसर में प्रवेश करेंगे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से या किसी अन्य कारणों से, यदि वाहनों के माध्यम से परिसर में प्रवेश करने की आवश्यकता है तो गेट नंबर 6 का उपयोग किया जा सकता है। आज कोर्ट परिसर में सुरक्षा के इंतजामों को देखने के लिए पुलिस विभाग की प्रतिनियुक्ति की गई है। आज कोर्ट परिसर में सुरक्षा के इंतजामों को देखने के लिए पुलिस विभाग की प्रतिनियुक्ति की गई है।
इस मामले में ये लोग भी हैं आरोपी
मामले में आरोपियों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के दिग्गज नेता विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा शामिल हैं। इनके अलावा, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, और अन्य भी आरोपी हैं। अयोध्या में बाबरी मस्जिद को दिसंबर 1992 में 'कारसेवकों' द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। उनका दावा था कि प्राचीन राम मंदिर उसी स्थल पर था। ऐसे में यहां पर मस्जिद नहीं रह सकती है। इन सभी पर भड़काऊ भाषण देने जैसे आरोप लगे हैं।

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