नई दिल्ली (आईएएनएस)। Unnao Case उन्नाव दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और छह अन्य को 10 साल कैद की सजा सुनाई। उन्हें पीड़िता की पिता की हिरासत में माैत मामले में ये सजा सुनाई गई है। कुलदीप सेंगर नाबालिग से दुष्कर्म करने के लिए पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्हें सजा सुनाते हुए जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कानून का उल्लघंन हुआ है। कुलदीप सेंगर एक सीधे जनता जुड़े थे और उन्हें कानून का शासन बनाए रखना था। जिस तरह से अपराध किया गया है, वह उदारता का आह्वान नहीं करता है।
Delhi court sentences Kuldeep Singh Sengar to 10 years in prison for murder of Unnao rape victim's father
— Press Trust of India (@PTI_News) March 13, 2020
पीड़ित परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने का निर्देश
अदालत ने सेंगर और उनके भाई अतुल को पीड़िता के परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है। 12 मार्च को सजा सुनाए जाने की दलील के दौरान सेंगर ने अदालत से कहा था कि उन्हें फांसी दी जाए और उनकी आंखों में तेजाब डाला जाए, अगर उन्होंने कुछ भी गलत किया है। इस महीने की शुरुआत में कुलदीप सेंगर और उनके भाई अतुल सेंगर व दो पुलिस कर्मियों सहित सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। यह मामला 9 अप्रैल, 2018 को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मृत्यु से संबंधित है।इसमें यह आरोप लगाया गया कि उन्नाव दुष्कर्म मामले के कुछ आरोपियों के साथ झगड़े के बाद पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की गई।
कुलदीप सिंह सेंगर समेत 7 लोग हुए थे दोषी करार
इसके पुलिस स्टेशन ले जाया गया और फिर अवैध रूप से बंदुक रखने के आरोप में फंसाकर रिमाण्ड पर भेज दिया गया। इस दाैरान पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की मृत्यु हो गई थी। यह मामला पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर उत्तर प्रदेश की एक ट्रायल कोर्ट से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को समेत 7 लोगों को बीत 4 मार्च को दोषी करार दिया था। वहीं चार आरोपी बरी हो गए थे।
कुलदीप सेंगर द्वारा अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था
उन्नाव पीड़िता के साथ कथित तौर पर 2017 में तत्कालीन कुलदीप सेंगर द्वारा अपहरण कर दुष्कर्म किया गया था। घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। यह मामला तब चर्चा में आया जब 8 अप्रैल, 2017 को पीड़िता ने लखनऊ में सीएम योगी के सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। पीड़िता ने यह कदम कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर द्वारा अपने पिता की पिटाई के बाद उठाया था। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई थी। यूपी के बांगरमऊ से चार बार के भाजपा विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में भाजपा से निकाल दिया गया था।
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