केजरीवाल की इफ्तार पार्टी
दिल्ली सीएम द्वारा दी गई इफ्तार की दावत इस मायने में असरदार रही कि इसने सियासी गिले-शिकवों को बेअसर कर दिया। शासन के मतभेद हाशिए पर नजर आए। हुकूमत की तीखी जंग पर मेहमानवाजी की मिठास भारी पड़ी। शायद यही वजह रही कि इफ्तार के बहाने मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग का खूब गर्मजोशी से स्वागत किया तो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी टेलीफोन कर न्योता देना नहीं भूले।
उपराष्ट्रपति से लेकर पाक उच्चायुक्त तक शामिल
मुख्यमंत्री द्वारा राजधानी के पॉश नई दिल्ली में रविवार को आयोजित इफ्तार पार्टी में सूबे की उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव, उपराज्यपाल नजीब जंग, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, भाजपा विधायक जगदीश प्रधान, पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित सहित बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मंत्रियों, विधायकों सहित अन्य गणमान्य लोगों ने शिरकत की। बताते हैं कि केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंचीं। अलबत्ता, उनकी पार्टी के सांसद इस इफ्तार पार्टी में जरूर पहुंचे।
समय से पहुंची शीला दीक्षित
पूर्व मुख्यमंत्री दीक्षित के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने फोन कर दीक्षित से इस इफ्तार पार्टी में आने का आग्रह किया और दीक्षित ने तुरंत हामी भी भर दी। लिहाजा, दीक्षित बिल्कुल समय से इफ्तार में पहुंचीं। यह वही दीक्षित हैं, जिन्हें केजरीवाल ने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त दी। लगातार 15 साल तक दिल्ली पर हुकूमत करने वाली दीक्षित की पराजय एक बड़ा सियासी उलटफेर करार दिया गया।
मुख्यमंत्री ने निभाई परंपरा
केजरीवाल की इफ्तार पार्टी में दीक्षित, विजेंद्र गुप्ता आदि सियासी विरोधियों की मौजूदगी को लेकर जानकारों ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सियासी मतभेदों के बावजूद आपसी समझ कायम रहती है और रिश्ते की एक अदृश्य डोर आपस में सबको बांधे रखती है। लिहाजा, यह बहुत ही अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री ने भी परंपरा निभाई और विपक्ष के नेताओं ने भी उतनी ही गर्मजोशी से उनके साथ खड़े हुए।
जंग का इफ्तार में आना बेहद महत्वपूर्ण
नेता प्रतिपक्ष गुप्ता ने भी स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री ने न केवल उन्हें इफ्तार का निमंत्रण भेजा, बल्कि खुद फोन कर इस मौके पर उपस्थित होने का विनम्र आग्रह भी किया। लिहाजा, उन्होंने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उपराज्यपाल नजीब जंग की मौजूदगी को लेकर कयासों का सिलसिला लगातार जारी रहा। पिछले कुछ महीनों में जिस प्रकार मुख्यमंत्री और जंग के बीच टकराव हुआ, उसे देखते हुए इफ्तार में उनका आना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।Hindi News from India News Desk
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