राज्यपाल अनिल बैजल की मुहर का इंतजार
नई दिल्ली (प्रेट्र)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अघोषित बिजली कटौती से बचने के लिए एक नीति बनाई है। ऐसे में एक घंटे से ज्यादा बिजली कटौती पर निजी बिजली वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को 100 रुपये का भुगतान डिस्कॉम के जरिए किया जाएगा। डिस्काम बिजली मंत्रालय द्वारा विद्युत वितरण करने वाली कंपनियों के आर्थिक पुरुत्थान के लिये शुरू की गयी है। ऐसे में अब इस नीति पर राज्यपाल अनिल बैजल की मुहर का इंतजार है।
बिजली कटौती पर पब्लिक को पैसा मिलेगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा पहली बार होगा कि दिल्ली में जब बिजली कंपनियों द्वारा अघोषित बिजली कटौती पर पब्लिक को पैसा मिलेगा। बतादें कि इससे पहले 2016 में सीएम अरविंद केजरीवाल ने बिजली उपभोक्ताओं को अनावश्यक बिजली कटौती के लिए क्षतिपूर्ति करने का आदेश दिया था। हालांकि उस समय एलजी यानी कि राज्यपाल नजीब जंग ने इस नीति को रद्द कर दिया था। वहीं इस बार यह नीति को राज्यपाल के पास अंतिम मुहर के लिए भेजा गया है। इस बार उन्हें मुहर लगने की पूरी उम्मीद हैं।
प्रति घंटे 100 रुपये के हिसाब मिलेगा पैसा
दिल्ली सरकार को विश्वास है कि राज्यपाल इस नीति से सहमत होंगे। यह जनता और उपभोक्ता हित में एक बड़ा कदम होगा। दिल्ली में ऐसा नियम लागू हो जाने पर यह देश के दूसरे राज्यों की अन्य सरकारों के लिए एक मॉडल बन जाएगा। वे भी इस नीति को अपने राज्यों में अपना सकती हैं। इन नई नीति पहले एक घंटे से अधिक की कटौती में 50 रुपये मिलेंगे। इसके बाद अगर उसी दिन दूसरी बार इतनी कटौती होती है तो डिस्कॉम प्रति घंटे पर 100 रुपये के हिसाब से उपभोक्ताओं को भुगतान करेगी।
मुआवजा पावर बिल में एडजस्ट हो जाएगा
इस नई नीति के तहत डिस्काम को दिन में पहली बार के एक घंटे में ही पेनाल्टी की रकम भरपाई में छूट का लाभ मिलेगा। बतादें कि दिल्ली में बीएसईएस कंपनियां बीईपीएल और बीआरपीएल और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) सहित तीन निजी कंपनियां शहर को बिजली की आपूर्ति करती हैं। हालांकि नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली छावनी के तहत इलाकों की बिजली इनके अंडर में नही है। बतादें कि उपभोक्ताओं द्वारा अर्जित मुआवजा उनके मासिक पावर बिल में एडजस्ट कर दिया जाएगा।
मुआवजे न मिलने पर शिकायत कर सकते हैं
वहीं अगर किसी उपभोक्ता को डिस्काम द्वारा मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता है तो वह इसकी शिकायत दिल्ली विद्युत नियामक प्राधिकरण (डीईआरसी) से कर सकते हैं। इन शिकायतों की जांच की जाएंगी। सही पाए जाने पर बिजली कंपनी को उपभोक्ता को 5 हजार रुपए या मुआवजे की पांच गुना राशि दोनों में जो अधिक हो उसका भुगतान करना होगा। प्रभावित उपभोक्ता एसएमएस, ईमेल, टेलीफोन, मोबाइल ऐप या डिस्काम की आधिकारिक वेबसाइटों से "नो करेंट" लिखकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
मुआवजे की शिकायत में इन बातों का रखें ध्यान
इस दौरान शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं को अपना सही नाम, अपन वर्तमान खाता संख्या (सीए) , चालू मोबाइल नंबर भी भेजना होगा। इसके बाद डिस्काम उस कंप्लेंट को अटेंड करेगा और शिकायत की पुष्टि करने के लिए एक मैसेज भेजेगा। इसके बाद वहां से एक समय निर्धारित किया जाएगा। डिस्काम दिए गए निश्चित समय में ही उस उपभोक्ता के खाते में उसकी मुआवजा राशि भेजा देगा। इतना ही नहीं इसके बाद एक मैसेज कंफर्मेंशन मैसेज भी उपभोक्ता के मोबाइल नंबर पर आएगा।
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