नई दिल्ली (एएनआई)। दृष्टि आईएएस के संस्थापक और एमडी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में बताया कि अगर आप उस दिन का वीडियो देखें तो सड़क पर पानी भरा हुआ है और बेसमेंट का लेवल सड़क से ज्यादा ऊंचा नहीं है। ऐसा लग रहा था कि अगर पानी की बौछार होगी तो बेसमेंट के गेट टूट जाएंगे। इसी बीच एक जीप उस इलाके से गुजरी और आज मुझे पता चला कि पैनल लगाकर पानी को बेसमेंट में घुसने से रोक दिया गया है। इस दौरान जैसे ही जीप गुजरी, पानी की बौछार हुई, पैनल टूट गया और पानी बेसमेंट में घुसने लगा उन्होंने कहा, अभी भी हमें इस बात पर भ्रम है कि पानी इतनी तेजी से बेसमेंट में कैसे घुस सकता है और अगर अंदर 30 से 40 छात्र थे, तो वे पानी को बेसमेंट में घुसता देखकर बाहर निकलने की कोशिश कर सकते थे।
बायोमेट्रिक सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया
इतना ही नहीं बेसमेंट के अंदर छात्रों के फंसने की वजह बताते हुए दिव्यकीर्ति ने गेट में लगे बायोमेट्रिक सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, बायोमेट्रिक सिस्टम की वजह से गेट बंद हो गए। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने आज मुझे बताया कि पानी एक निश्चित गति से अंदर आ रहा था और यह अनुमान लगाया जा सकता था कि छात्र बाहर निकल पाएंगे। इस बीच, जब छात्र आ रहे थे, तो एक जगह जहां एग्जॉस्ट फैन लगा हुआ था, वह भी टूट गया और उसके टूटते ही पानी की तेज धार बेसमेंट में घुस गई। दिव्यकीर्ति ने कहा, छात्रों के बताने के बाद मैं समझ पाया कि पानी को धड़ से सिर तक पहुंचने में मुश्किल से 50 सेकंड लगे। यह समय इतना कम था कि हममें से कोई भी निर्णय नहीं ले सका और बेसमेंट से बाहर नहीं निकल सका।
भले ही उन्हें दिल्ली क्यों न छोड़नी पड़े
वहीं कोचिंग घटना के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना द्वारा दिए गए बयान को साझा करते हुए दिव्यकीर्ति ने कहा आज एलजी साहब ने भी बताया कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण इलाके में सीवर लाइन ढकी हुई है। मेरे हिसाब से अगर बेसमेंट की ऊंचाई थोड़ी और होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था, लेकिन आज उन्होंने आगे कहा कि मुझे पता चला कि कुछ नए नियमों के कारण बेसमेंट को 8 सेमी से अधिक ऊंचा नहीं बनाया जा सकता है। जिम्मेदारी लेते हुए दिव्यकीर्ति ने कहा कि वह अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भवन निर्माण कानून के नियमों और विनियमों का पालन करेंगे, भले ही उन्हें दिल्ली क्यों न छोड़नी पड़े।
सिविल सेवा के तीन उम्मीदवारों की मौत
दिव्यकीर्ति ने कहा इस सब के साथ, मैं स्वीकार करता हूं कि कोचिंग संस्थानों की एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसे ठीक करना हर संस्थान की जिम्मेदारी है। मैं अपनी तरफ से पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। आज आपके सामने मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि किसी भी कीमत पर हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिसकी दिल्ली में अनुमति नहीं है, चाहे हमें दिल्ली क्यों न छोड़नी पड़े या बाहर जाना पड़े। बतादें कि शनिवार रात भारी बारिश के दौरान राऊ के आईएएस परिसर में एक बेसमेंट लाइब्रेरी में पानी भर जाने से सिविल सेवा के तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई।
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