-फतेहगंज पूर्वी में शोरूम से खरीदी थी बाइक, बारिश में हो जाती थी बंद
-कंज्यूमर फोरम ने बाइक ठीक करने का दिया आदेश, 15 हजार रुपए लगाया जुर्माना
5 हजार रुपए केस खर्च के रूप में लगा जुर्माना
10 हजार रुपए मानसिक क्षति के लिए लगा जुर्माना
बरेली:
बारिश में बाइक बंद होने की समस्या को लेकर बाइक ओनर टीवीएस कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर फोरम पहुंच गया. बाइक ओनर ने केस दायर कर नई बाइक, केस खर्च और मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की. जिस पर कंज्यूमर फोरम कंपनी को आदेश दिया कि वह एक्सर्ट इंजीनियर से बाइक बाइक ठीक कराए. इसके साथ ही दस हजार रुपए मानसिक क्षति और 5 हजार रुपए केस खर्च बाइक ओनर को देने का भी आदेश दिया है. आदेश दो माह तक फॉलो नहीं करने पर 7 प्रतिशत ब्याज का भी भुगतान कंपनी को करना होगा.
अनट्रेंड मैकेनिक से सर्विस कराने का दिया तर्क
फतेहगंज पूर्वी के राशिद ने दायर केस में बताया कि उन्होंने 22 मार्च 2017 को टीवीएस की अपाचे बाइक शोरूम से खरीदी थी. जिसके लिए उससे 1,17,000 लिए गए जबकि रसीद सिर्फ 94,249 रुपए की दी गई. बाइक की एक वर्ष की वारंटी थी, लेकिन एक वर्ष का वारंटी पीरियड पूरा होने से पहले ही बाइक बारिश होने पर बंद हो जाती थी. राशिद ने इसकी शिकायत शोरूम पर की तो उन्होंने इग्निशियन क्वायल बदल दी. इसके बाद भी बारिश में बाइक बंद होने की समस्या बनी रही. राशिद ने बताया कि वह 22 अगस्त को वह एग्जाम देने के लिए जा रहा था तभी बाइक रास्ते में बंद हो गई, जिससे उसका एग्जाम छूट गया. इसके बाद राशिद ने शोरूम पर जाकर बाइक चेंज करने की बात कही लेकिन शोरूम पर ना तो बाइक चेंज हो सकी और ना ही उसे ठीक किया गया. शोरूम पर बताया दिया कि आपने तीन सर्विस के बाद अनट्रेंड मैकेनिक से बाइक की सर्विस कराई है जिसके कारण बाइक में खराबी आई है.
जॉब कार्ड पर भी दोष था दर्ज
कंज्यूमर फोरम की तरफ से सुनवाई करते हुए अध्यक्ष ने सभी पेपर्स देखे तो पता चला कि शोरूम के अधिकृत सर्विस सेंटर से उसे जो जॉब कार्ड दिया गया था उस पर भी बाइक बंद होने की समस्या दर्ज थी और बाइक की इग्निशियन क्वायल भी बदली गई. लेकिन स्थायी निराकरण नहीं हो सका जिससे बाइक बारिश में बंद होने की कमी दूर नहीं हो सकी. इस पर कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने बाइक की तकनीकी समस्या का स्थाई निराकरण करने का आदेश देते हुए 10 हजार रुपए मानसिक क्षति और 5 हजार रुपए केस खर्च का जुर्माना कंपनी पर लगाते हुए दो माह में भुगतान करने का आदेश दिया है.