नई दिल्ली (पीटीआई)। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन बिबेक देबराॅय ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 8.2 प्रतिशत होना देश की मजबूत आर्थिक आधार की पुष्टि कर रहा है। मैन्युफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तिमाही में 8.2 फीसदी की विकास दर हासिल की है। देबराॅय ने कहा कि आर्थिक विकास की यह बढ़त हाल में किए गए आर्थिक सुधारों और माैजूदा नीतियों के प्रभावशाली तरीके से अमल में आने के कारण हासिल हुई है। देबराॅय ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पूंजी प्रवाह बढ़ाने पर ध्यान रहेगा ताकि आधारभूत वस्तुओं और सेवाओं को सभी तक पहुंचाया जा सके। इसी कोशिश के परिणामस्वरूप न सिर्फ अच्छी विकास दर हासिल हुई बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। इससे यह भी साबित होता है कि देश की अर्थव्यवस्था में दम है।
वितरीत वैश्विक माहौल में भी हासिल की बेहतर विकास दर
देबराॅय ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय अनिश्चितता के माहौल और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपनी विकास दर बनाए रखी है। विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद यह उपलब्धि यह बताने के लिए काफी है कि देश का आर्थिक आधार कितना मजबूत है। पहली तिमाही में कृषि विकास दर, मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन का इसमें प्रमुख योगदान है। उन्होंने यह भी कहा कि मानसून की मेहरबानी से कृषि उपज में बढ़ोतरी और गांवों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे आने वाले तिमाही में अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन की आशा की जा सकती है। सीएसओ के एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में जीडीपी 33.74 लाख करोड़ रुपये थी। यह आंकड़ा पिछले दो सालों की समान तिमाही की तुलना में कहीं अधिक है। वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में यह 31.18 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2017-18 में 29.42 लाख करोड़ रुपये थी।
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