इटली के प्रधानमंत्री ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. उधर पोप ने भी इस दुर्घटना पर शोक ज़ाहिर किया है.

बताया जा रहा है कि नाव में आग लगने की ख़बर सुनकर बहुत से यात्रियों ने समुद्र में छलांग लगा दी.संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ज़्यादातर यात्री सोमालिया औऱ इरिट्रिया के थे.

माना जा रहा है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ तो नाव पर क़रीब 500 लोग सवार थे औऱ 200 लोगों के बारे में कुछ पता नहीं है.

इटली के आंतरिक मंत्री ऐंजेलीनो अल्फ़ानो ने बताया कि यह नाव लीबिया के मिस्राता से आ रही थी औऱ इसकी मोटर बंद हो जाने के बाद उसमें पानी भरना शुरू हो गया.

हादसा

इटली: नाव डूबने से 130 से ज़्यादा की मौतसमझा जाता है कि किसी यात्री ने आग जलाकर समुद्र में मौजूद अन्य नावों का ध्यान खींचने की कोशिश की लेकिन इसका नतीजा ये हुआ कि नाव में आग फैल गई.

रोम में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन की प्रवक्ता सिमोन मोस्कैरली ने बीबीसी को बताया कि ''आग से बचने की कोशिश में यात्री नाव के एक हिस्से में इकट्ठा हो गए जिसकी वजह से वह पलट गई.''

सिमोन का कहना है कि नाव में सवार 100 महिलाओं में से केवल 6 के बचने की संभावना है क्योंकि ज़्यादातर प्रवासी तैरना नहीं जानते थे. इटली के तट के नज़दीक ये अब तक के सबसे भयानक हादसों में से एक है. प्रधानमंत्री एनरीको लेता ने ट्वीट करके कहा कि "यह भयंकर त्रासदी है". सरकार ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.

इटली की विदेश मंत्री ऐमा बोनिनो का कहना था कि ''प्रवासियों के आने से जुड़े मुद्दे का कोई चमत्कारिक हल नहीं है. अगर ऐसा होता तो हम उसे ढूंढ कर लागू कर चुके होते.''

एक अन्य घटना में इस हफ़्ते की शुरुआत में सिसली पहुँचने की कोशिश में 13 लोग डूब गए थे.

दर्दनाक दृश्य

इटली: नाव डूबने से 130 से ज़्यादा की मौतलाम्पेदूज़ा की मेयर गियुसी निकोलिनी ने हादसे के बारे में कहा कि वहां का दृश्य बेहद दर्दनाक है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ निकोलिनी ने कहा कि यह कब्रिस्तान की तरह डरावना है, शवों को अभी भी बाहर निकाला जा रहा है.

गोताखोरों का कहना है कि उन्होने तकरीबन 40 शव समुद्र की सतह से निकाले हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ मानव तस्करी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है.

पोप फ्रांसिस ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होने ट्विटर पर संदेश दिया कि हादसे के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना की जाए. उन्होने जुलाई में लाम्पेदूज़ा की यात्रा की थी और वहां आने वाले प्रवासियों के प्रति उदासीनता के लिए वैश्विक समुदाय की आलोचना की थी.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त एंटोनियो ग्युटेर्स ने इस बात पर गहरा दुख ज़ाहिर किया है कि दुनिया भर में लोग संघर्ष और मार-काट से बचने के लिए भागते हैं और समुद्र की भेट चढ़ जाते हैं.

एंटोनियो का कहना था कि साल 2011 के दौरान भूमध्यसागर को पार कर यूरोप पहुंचने की कोशिश करने वाले 1500 से ज़्यादा लोगों ने या तो अपनी जान गंवाई या फिर लापता हो गए.

संयुक्त राष्ट्र के ही आंकड़ों के मुताबिक इस साल 30 सितंबर तक समुद्र के रास्ते इटली पहुंचे प्रवासियों की संख्या 30,100 है औऱ इनमें से ज़्यादातर सीरिया, इरिट्रिया और सोमालिया के रहने वाले हैं.

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