स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ शिया आबादी की अधिकता वाले इलाक़े अंचोली में हुए इन बम विस्फोट में कम से कम 18 लोग घायल हुए हैं.
धमाकों के तुरंत बाद मौक़े पर जमा भीड़ में काफ़ी ग़ुस्सा देखा गया. लोगों ने धमाकों के विरोध में नारेबाज़ी भी की.
स्थानीय पुलिस अधिकारी जावेद ओधो ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि विस्फोट तेज़ आवाज़ के साथ हुए.
शिया-सुन्नी तनाव
जावेद ओधो के मुताबिक़ फिलहाल यह कहना कठिन है कि शिया लोगों को जानबूझकर निशाना बनाया गया क्योंकि जिस इलाक़े में विस्फोट हुए हैं, वहां सुन्नी भी रहते हैं.
ख़बरों के मुताबिक़ घायलों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
विस्फोट से दुकानों और बिजली के तारों को नुक़सान पहुंचा और इस वजह से पूरे इलाक़े में अंधेरा छा गया. हालांकि बाद में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई.
सिंध प्रांत के सूचना मंत्री शारजील मेमन ने हमलों की निंदा की और इन्हें कायरतापूर्ण हरकत बताया है.
सांप्रदायिक हिंसा
शिया समूहों ने भी इसका विरोध किया है और उन्होंने शनिवार को एक दिन के शोक की घोषणा की है.
पाकिस्तान में हाल के दिनों में शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा के कारण काफ़ी तनाव बना हुआ है. इस कारण सरकार को कई जगह कर्फ़्यू लगाना पड़ा और मोबाइल फ़ोन नेटवर्क को भी जाम किया गया है.
इससे पहले रावलपिंडी में हुए सांप्रदायिक दंगों के विरोध में शुक्रवार को सुन्नी समुदाय के दलों ने एक दिन के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.
रावलपिंडी में तब हिंसा भड़की थी, जब शिया मुसलमान धार्मिक पर्व आशुरा के आयोजन की तैयारी कर रहे थे. इन दंगों में आठ लोगों की मौत हुई जबकि दर्जनों घायल हो गए.
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