बचपन से पाल रहा था नफरत
मुंबई में 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले में शामिल वादा माफ गवाह डेविड कोलमैन हेडली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एक और बड़ा खुलासा किया है। उसने मुंबई की कोर्ट में सवाल-जवाब के दौरान बताया है कि उसे बचपन से ही भारत के प्रति नफरत थी,क्योंकि भारतीय वायु सेना के जहाजों ने 1971 में उसके स्कूल पर बमबारी की थी जिसमें कई लोग मारे गए थे। आज शुरू हुई सुनवाई के दौरान हेडली ने खुलासा करते हुए कहा कि वह शिवसेना के लिए अमेरिका में फंड एकत्र करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करना चाहता था,जिसमें वह बाला साहेब को भी आमंत्रित करना चाहता था।
हेडली ने किए और भी खुलासे
हेडली ने बताया कि उसके पिता की मौत के कुछ समय के बाद तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी उसके घर आए थे। हेडली ने स्वीकार किया कि वह शिवसेना के लिए फंड एकत्र करने हेतु अमेरिका में एक कार्यक्रम करना चाहता था और इसके लिए वह राजाराम रेगे के संपंर्क में था, उसने कभी बाला साहेब को इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आमंत्रित नहीं किया। रेगे द्वारा यह बताए जाने पर कि बाला साहेब काफी बुढ़े हो चुके हैं और स्वस्थ्य नहीं हैं, इसके बाद वह अन्य शिव सेना के नेताओं को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना चाहता था।
अपने बारे में बताने से इंकार
हेडली ने कहा कि वह इस बात का खुलासा नहीं करेगा कि वह अभी कहां और किस जेल में बंद है एवं कौन सी सुविधाएं उसे प्राप्त हैं। पूछताछ के दौरान हेडली ने खुलासा किया कि अपने स्कूल पर हुई बमबारी का बदला लेने के लिए मैं लश्कर में शामिल हो गया था। हेडली ने कहा कि मैं 7 दिसंबर, 1971 से भारत के प्रति नफरत करता था जब भारतीय जहाजों ने मेरे स्कूल पर बमबारी की एक वहां कार्य करने वाले लोग मारे गए। मुझे बचपन से ही भारत के प्रति नफरत थी।
पत्नी को सह आरोपी बनाने की अर्जी
जुंदाल ने हेडली की पत्नी व दोस्त को सह आरोपी बनाने की अर्जी दी थी। जब हेडली से सवाल किया गया कि क्या उसे लश्कर से पैसा मिलता था? इसके जवाब में उसने कहा था कि नहीं मुझे उससे कोई पैसा नहीं मिला, लेकिन मैं उसके लिए फंडिंग करता था। मैंने 60 से 70 लाख रुपए तक उसे दिए थे।inextlive from India News Desk
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