सार्वजनिक स्वास्थ्य संकाय के अध्यक्ष प्रो. जॉन आस्टन ने कहा है कि समाज को यह स्वीकार करना होगा कि एक तिहाई लड़के-लड़कियां 14 या 15 वर्ष की उम्र में ही सेक्स संबंध बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि न्यूनतम उम्र में ढील से 15 वर्ष के युवाओं के लिए एनएचएस से स्वास्थ्य सलाह लेना आसान हो जाएगा.
प्रधानमंत्री की तरफ से कहा गया था कि 16 वर्ष की उम्र बच्चों की सुरक्षा के मद्देनज़र तय की गई है और इसमें बदलाव की कोई योजना नहीं है.
उम्र पर बहस
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक तिहाई किशोर-किशोरियां वर्तमान 16 वर्ष की तय सीमा से पहले ही संबंध बना लेते हैं.
आस्टन ने कहा, ''इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है. अब वयस्क सोचने लगे हैं कि युवाओं पर से कम उम्र में सबंध बनाए जाने को लेकर दबाव को हटाया जाए.''
''यह भी गौर करने वाली बात है कि 14 या 15 वर्ष की उम्र में क्या होता है, ताकि हम मदद कर सकें और वयस्क उम्र में दाखिल होने के लिए उनका समर्थन कर सकें.''
उन्होंने कहा कि, ''मुझे लगता है कि 15 वर्ष की उम्र सही रहेगी क्योंकि युवाओं की संगत में ज्यादा रहने वाले शिक्षक और अन्य लोगों के पास उन्हें सही दिशा देने के लिए नैतिक अधिकार मिल सकेंगे. वो उन्हें बता सकेंगे कि गर्भनिरोधक आदि सुरक्षा उपायों से बीमारियों और अन्य समस्याओं से कैसे बचा रहा जा सकता है.''
'सच्चाई को स्वीकारना होगा'
रॉयल कॉलेज ऑफ फीजिशियन्स से जुड़े फैकल्टी ऑफ पब्लिक हेल्थ ने सरकार को इस बारे में एक स्वतंत्र सुझाव दिया है.
एनएसपीसीसी (नेशनल सोसायटी फॉर दि प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू चिल्ड्रेन) से जुड़े टकर ने कहा कि आस्टन के सुझाव पर बहस की गुंजाइश है.
हालांकि उन्होंने कहा कि पिछले 20 या 30 वर्षों में यदि नौजवानों द्वारा संबंध बनाए जाने के ढर्रे में बदलाव आया है तो इस मुद्दे से निपटने में सहमति की उम्र को कम करना ज्यादा संवेदनशील क़दम साबित होगा.
इंग्लैण्ड और वेल्स में संबंध बनाने की सहमति की न्यूनतम उम्र 16 वर्ष है. बाल वेश्यावृत्ति से बचने के लिए 1885 में आंदोलनकर्ताओ ने इस सीमा को 13 से बढ़ा कर 16 वर्ष करने की मांग की थी. तभी से यह उम्र लागू है.
पहली बार 2001 में इंग्लैण्ड में समलैंगिक पुरुषों के लिए संबंध बनाने की उम्र 18 से कम कर 16 कर दी गई थी.
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