विशेषज्ञों के अनुसार इसके कारण उपभोक्ता असमाजिक तत्वों का निशाना भी बन सकते हैं.
डेटिंग ऐप्स की यह कमज़ोरी साइबर सुरक्षा कंपनी साइनेक के कोल्बी मूर और पेट्रिक वार्डल ने पकड़ी है.
उन्होंने ज़्यादातर ध्यान ग्राइंड्र नाम की डेटिंग ऐप पर दिया है लेकिन उनका कहना था कि यह कमज़ोरी ज़्यादातर डेटिंग ऐप्स में है.
उधर ग्राइंड्र ने अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि इस फीचर को अपडेट करने का उनका कोई इरादा नहीं है क्योंकि यही उनकी डेटिंग ऐप की खासियत है जो लोगों को आसानी से एक दूसरे के करीब लाता है.
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