डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 31 January 2022 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। सोमवार 31 जनवरी चतुर्दशी तिथि 01:14:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि हैं। चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं। जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिये हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान महादेव की कृपा बरसती है।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जाएं। इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

Saptahik Rashifal 30 Jan-5 Feb: सिंह व तुला राशि वालों के लिए समय संघर्ष भरा व चुनौतीपूर्ण रहेगा, पढ़ें सभी साप्‍ताहिक राशिफल

31 जनवरी 2022 दिन- सोमवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:35:00
सूर्यास्तः- सायः 05:25:00

विशेषः- जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिये हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान महादेव की कृपा बरसती है।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शिशिर ऋतु
मासः- माघ माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष

Monthly Horoscope-February 2022: फरवरी में कैसे बदलेगी आपकी जिंदगी, पढ़ें फरवरी माह का पूरा राशिफल

तिथिः- चतुर्दशी तिथि 01:14:00 तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि
तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।
नक्षत्रः- उत्तरा आषाढ 1:17:54 तक तदोपरान्त श्रवण नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा आषाढ़ के स्वामी सूर्य जी हैं तथा श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्र जी हैं।
योगः- गंड 13:53:47 तक तदोपरान्त व्यतिपात

गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 01:15:00 से 03:16:00 तक
दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जाएं।
राहुकालः- राहुकाल 08:31:00 से 09:52:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”