डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद्)। आइए जानते हैं बृहस्पतिवार का पंचांग। इसमें दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल व गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।
पढ़ें 27 मई, 2021 दिन - बृहस्पतिवार का पंचाग
सूर्योदय : प्रातः 05:18:52
सूर्यास्त : सायं 06:42:55
विशेष : बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवत : 2078
शक संवत : 1943
आयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म ऋतु
मास : ज्येष्ठ माह
पक्ष : कृष्ण पक्ष
तिथि : प्रतिपदा तिथि 01:04:00 तक तदोपरान्त द्वितीया तिथि
तिथि स्वामी : प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं तथा द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव जी हैं।
नक्षत्र : ज्येष्ठा 10:39:55 तक तदोपरान्त मूल नक्षत्र
नक्षत्र स्वामी : ज्येष्ठा तिथि के स्वामी बुध देव हैं तथा मूल नक्षत्र के स्वामी केतु जी हैं।
योग : सिद्ध 06:45:50 तक तदोपरान्त साध्य
गुलिक काल : शुभ गुलिक काल 08:51:00 से 10:44:00 बजे तक
दिशाशूल : बृहस्पतिवार को दक्षिण की दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकले ।
राहुकाल : आज का राहुकाल 02:01:00 से 03:44:00 तक
तिथि का महत्व : प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, प्राण प्रतिष्ठा, गृह प्रदेश आदि मंगल कार्य के लिए यह तिथि अशुभ मानी गयी है।
'हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।'