डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शनिवार 25 सितंबर को पंचमी तिथि अगले दिन सुबह 10:57:00 बजे तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि है। पंचमी तिथि के स्वामी नागदेवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी हैं। आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।
25 सितंबर, 2021 दिन - शनिवार का पंचाग
सूर्योदय : प्रातः 06:01:00
सूर्यास्त : सायं 05:59:00
विशेष : शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।
विक्रम संवत : 2078
शक संवत : 1943
आयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद ऋतु
मास : अश्विन माह
पक्ष : कृष्ण पक्ष
तिथि : पंचमी तिथि अगले दिन सुबह 10:57:00 बजे तक तदोपरान्त षष्ठी तिथि है।
तिथि स्वामी : पंचमी तिथि के स्वामी नागदेवता हैं तथा षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी हैं।
नक्षत्र : भरणी नक्षत्र 11:17:00 बजे तक तदोपरान्त कृतिका नक्षत्र
नक्षत्र स्वामी : भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव जी हैं तथा कृतिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव जी हैं।
योग : हर्षण 14:49:00 बजे तक तदोपरान्त वज्र
गुलिक काल : शुभ गुलिक काल 06:10:00 से 07:41:00 बजे तक
दिशाशूल : आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।
राहुकाल : आज का राहु काल 09:11:00 से 10:42:00 बजे तक
तिथि का महत्व : इस तिथि में खट्टी वस्तुओं को नही खाना चाहिए यह तिथि समस्त शुभ कार्यो के लिए शुभ है।
'हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।'