डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 2 June 2021 बुधवार को अष्टमी तिथि 04:55:17 तक तदोपरान्त नवमी तिथि है। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं। बुधवार के दिन गणेश भगवान जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से गुड़ खाकर जाएं। बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनिया या तेल खाकर निकले। इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

02 जून 2021 दिन-बुधवार का पंचाग अष्टमी तिथि

सूर्योदयः- प्रातः 05:16:02

सूर्यास्तः- सायं 06:44:51

विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं ।

विक्रम संवतः- 2078

शक संवतः- 1943

आयनः- उत्तरायण

ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु

मासः- ज्येष्ठ माह

पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- अष्टमी तिथि 04:55:17 तक तदोपरान्त नवमी

तिथि स्वामीः- अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा नवमी तिथि की स्वामिनि दुर्गा जी हैं।

नक्षत्रः- शतभिषा 05:00:19 तक तदोपरान्त पूर्वा भाद्रपद

नक्षत्र स्वामीः- शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु देव हैं तथा पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु है।

योगः- विषकुंभ 02:24:00 तक तदोपरान्त प्रीति

गुलिक कालः- शुभ गुलिक 10:35:00 से 12:19:00 तक

दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनिया या तेल खाकर निकले ।

राहुकालः- राहु काल 12:19:00 से 02:02:00 तक

तिथि का महत्वः- इस तिथि में नारियल नहीं खाना चाहिए तथा यह तिथि आभूषण, रत्न खरीदने और धारण करने के लिए शुभ है।

“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”