कोलकाता/भुवनेश्वर/नई दिल्ली (पीटीआई)। पश्चिम बंगाल में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली एक गंभीर चक्रवात हवाओं के कारण भारी बारिश हुई और साथ ही इसने विनाश का एक निशान छोड़ दिया। दोपहर 2.30 बजे लैंडफॉल बनाने के बाद पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच, चक्रवात अम्फान ने पेड़ों और बिजली के खंभों को उखाड़ फेंका। चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकाला गया। एक अधिकारी ने बताया कि पेड़ों के उखड़ने से हावड़ा जिले और मिनाखान क्षेत्र में दो महिलाओं की मौत हो गई है।
5 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया
एनडीआरएफ के प्रमुख एस एन प्रधान ने नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि संघीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 20 टीमों ने पहले ही ओडिशा में सड़क साफ करने का काम शुरू कर दिया है, जबकि पश्चिम बंगाल में तैनात 19 इकाइयां लोगों को सुरक्षा के लिए स्थानांतरित कर रही हैं। दोनों राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए, प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 5 लाख से अधिक लोगों और ओडिशा में 1.58 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने बताया कि पेड़ गिरने से सड़कें ब्लॉक हो गईं और उन्हें साफ करने के लिए भारी मशीनरी को स्थानांतरित किया गया है।
भूस्खलन की ओर बढ़ेगा यह चक्रवात
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रने कहा कि 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएं दक्षिण और उत्तर 24 परगना व पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में फैली हुई हैं और 185 किमी प्रति घंटे तक रफ्तार पकड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस घातक चक्रवात ने जमीन को छू लिया था, जिससे तीनों जिलों में भारी बारिश हुई। महापात्र ने कहा कि बारिश और हवाओं की तीव्रता के साथ यह भूस्खलन तक की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पूरा चक्रवात सिशाम 7 बजे तक जमीन पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि तूफान शाम को कोलकाता तक पहुंच जाएगा और 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा, राजधानी शहर को तबाह कर देगी।
बंगाल में बारिश रह सकती है जारी
मंगलवार से पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश दर्ज की गई हैं। महापात्र ने कहा कि ओडिशा में बुधवार देर रात तक बारिश और तेज-तेज हवाएँ चलेंगी, चक्रवात की वजह से खड़ी फसलों, वृक्षारोपण और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। पश्चिम बंगाल में कल तक तेज हवाएं और बारिश जारी रह सकती है।
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