कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। साइबर फ्रॉड से जुड़े नए-नए केस हर रोज सामने आते हैं। जिसके कारण लोगों को काफी नुकसान होता है। इस परेशानी से बचने के लिए अब भारतीय बैंक दे रहे हैं एक ऐसा इंश्योरेंस, जिसको लेने से आप साइबर फ्रॉड के नुकसान से बच सकते हैं। दरअसल भारत में कई सारे बैंक साइबर इंश्योरेंस दे रहे हैं। जिसके बारे में आप अपने बैंक से जान सकते हैं। इसके साथ ही आप इस इंश्योरेंस के फायदों के बारे में भी पता कर सकते हैं।
कौन-कौन से बैंक दे रहे हैं इंश्योरेंस
आपको बता दें कि साइबर इंश्योरेंस की ये सुविधा HDFC, ICICI, Bank, Axis Bank, State Bank of India, Kotak Mahindra Bank जैसे बैंक दे रहे हैं। इस इंश्योरेंस के लिए कई सारी इंश्योरेंस कंपनियों ने बैंकों के साथ पार्टनरशिप की है। जिसके बाद बैंकों ने इंश्योरेंस के नाम भी इसी बेस पर रखे हैं। जैसे कि HDFC ERGO, ICICI Lombard, Bajaj Allianz, SBI General Insurance ,ये सभी साइबर इंश्योरेंस हैं। जो कि बैंक दे रहे हैं। इनके टर्म एण्ड कंडिशन के बारे में आप बैंक से जानकारी ले सकते हैं।
इंश्योरेंस बचायेगा नुकसान से
साइबर फ्रॉड इंश्योरेंस की हेल्प से आप ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी, जैसे कि फिशिंग, रैनसमवेयर, और अलग-अलग साइबर क्राइम से बच सकते हैं। इसके साथ ही इस इंश्योरेंस की वजह से आपको किसी तरह का फाइनेंन्शियल नुकसान नहीं होगा।
डेटा रिकवरी भी है आसान
साइबर फ्रॉड इंश्योरेंस जो कि बैंक दे रहे हैं। इन इंश्योरेंस की वजह से आपको डेटा रिकवरी करने में भी आसानी रहेगी। इसके साथ ही डेटा रिकवरी में होने वाला खर्चा भी आपको नहीं देना होगा। जिसकी वजह से साइबर फ्रॉड के विक्टिम को डेटा रिकवरी करने में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा अगर साइबर फ्रॉड के बाद आप किसी तरह की कानूनी लड़ाई में फंसते हैं। जिसमें आपका खर्चा होता है। तो उसकी कवरेज भी इसी इंश्योरेंस में शामिल होगी। जिसकी वजह से इस कानूनी लड़ाई में वकील की फीस और बाकी खर्चा भी आपको नहीं देना पड़ेगा।
एक्सपर्ट से मिलेगी हेल्प
साइबर फ्रॉड इंश्योरेंस होल्डर्स को इस इंश्योरेंस के तहत साइबर एडवाइजर से भी हेल्प मिलती है। जिससे आप उनकी मदद ले सकते हैं। इसके साथ ही उनकी एडवाइज से आप साइबर फ्रॉड से भी बच सकते हैं।
किन बातों का रखना है ध्यान
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए साइबर फ्रॉड इंश्योरेंस को लेते टाइम आपको कुछ बातों पर ध्यान देना है। इनमें पॉलिसी की टर्म एण्ड कंडिशन, कवरेज एरिया, रिफंड लिमिट, रिफंड प्रोसेस, रिफंड टाइम ड्यूरेशन सबसे जरूरी हैं, जिनका आपको ध्यान रखना है। कई बार रिफंड का प्रोसेस लंबा हो जाता है जिसकी वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए।
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