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LUCKNOW: यूपी-100 में तैयार किये जा रहे साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैब के लिये केंद्र सरकार से चार करोड़ रुपये यूपी पुलिस को मिल गए हैं। इसके जल्द पूरा होने के बाद तमाम जिलों के पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू हो जाएगा। ऐसे में इन अपराधों से निपटने के लिये पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम सेल या किसी अन्य एजेंसी की ओर नहीं ताकना पड़ेगा। इसके साथ ही लैब गंभीर साइबर अपराधों की जांच में भी मदद मुहैया करा सकेगी।

चार करोड़ रुपये मंजूर
प्रदेश में वर्तमान में दो साइबर थाने लखनऊ व नोएडा में कार्यरत हैं। लेकिन, साइबर क्राइम के बढ़ते मामले पुलिस की चिंता बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि डीजीपी ओपी सिंह ने पद संभालने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में साइबर क्राइम सेल बनाने का निर्देश दिया था। हालांकि, इन सेल में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग कहां मिलेगी, इस पर सवाल था। हालांकि, पुलिस की यह मुश्किल आसान कर दी केंद्र सरकार की योजना साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वूमेन एंड चिल्ड्रेन ने। जिसके तहत यूपी 100 में बनने वाली साइबर क्राइम फोरेंसिक लैब के लिये चार करोड़ रुपये की राशि यूपी पुलिस को मिल गई है। जिसके बाद इस पर काम भी शुरू हो गया है।

टे्रनिंग के साथ जांच में भी मदद

प्रदेश की पहली साइबर क्राइम फोरेंसिक लैब की क्रय समिति के सदस्य एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि लैब को यूपी एसटीएफ तकनीकी मदद मुहैया कराएगी। लैब में प्रदेश के सभी जिलों के पुलिसकर्मियों को महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले साइबर क्राइम से निपटने व उन्हें अंजाम देने वाले साइबर क्रिमिनल्स की पहचान कर कार्रवाई के लिये ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये लैब में एक बाहरी प्रोफेशनल कंसल्टेंट भी नियुक्त किया जायेगा। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग मिलने के बाद पुलिसकर्मी जिलों में लोकल स्तर पर ही जांच कर उसका निपटारा कर सकेंगे। वहीं, गंभीर मामलों की जांच में फोरेंसिक लैब मदद करेगी।

1090 कर्मियों को भी मिलेगी ट्रेनिंग
महिलाओं व युवतियों को छेड़खानी से बचाने के लिये स्थापित वूमेन पावर लाइन में अब तक सिर्फ टेलीफोनिक छेड़खानी की ही शिकायतों पर कार्रवाई करती थी। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि जिलों की पुलिस के साथ-साथ साइबर क्राइम फोरेंसिक लैब में वूमेन पावर लाइन कर्मियों को भी महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले साइबर क्राइम से निपटने की ट्रेनिंग देने की योजना है। जिसके बाद वूमेन पावरलाइन भी महिलाओं व युवतियों की साइबर क्राइम की शिकायतों पर भी कार्रवाई कर सकेगी।

सीसीएफएल शुरू हो जाने के बाद महिलाओं व बच्चों के संग होने वाले साइबर क्राइम से निपटने के लिये जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों को किसी की मदद की जरूरत नहीं होगी। गंभीर मामलों में लैब उनकी मदद करेगी।
- अभिषेक सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

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