एक तरफा मैच जीतकर सोने पर किया कब्जा
गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में शुक्रवार को दिन भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा। नौवें दिन पहले तेजस्विनी, फिर अनीश और अब पहलवान बजरंग ने सोना जीतकर भारत की शान को बढ़ा दिया। 24 साल के बजरंग ने वेल्स के केन चारिग को 10-0 से हराकर एक तरफा जीत दर्ज की। पूनिया ने मैच के शुरुआत में ही अपने विरोधी खिलाड़ी पर बढ़त बना ली थी। शुरू में वह 2-0 से आगे थे और फिर लगातार दो दो अंक लेते रहे। जबकि विपक्षी खिलाड़ी एक बार भी बजरंग को नियंत्रित नहीं कर पाए। इसके बाद बजरंग ने 6-0 और 8-0 के बाद फिर से चारिग को पलटते हुए दो अंक लिए और 10-0 से अपना मैच जीत लिया।
पूरे टूर्नामेंट में विपक्षी को नहीं दिया एक भी अंक
आपको बता दें कि कॉमनवेल्थ में बजरंग पुनिया का अभी तक का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पिछली बार ग्लासगो में हुए 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स में बजरंत को सिल्वर पदक से संतोष करना पड़ा था। मगर इस बार इस युवा पहलवान ने हार नहीं मानी और सोना जीतकर ही दम लिया। प्रतियोगिता के शुरुआती राउंड में ही बजरंग के प्रदर्शन को देखकर अंदाजा लग गया था कि यह भारतीय पहलवान इस बार स्वर्ण पदक ही जीतेगा। क्योंकि उन्होंने सेमीफाइनल में कनाडा के विंसेट डी मारिन्स को 10-0 से और क्वार्टर फाइनल में नाइजीरिया के अमास डेनियल को भी 10-0 से हराया था। यानी कि बजरंग ने किसी भी मैच में अपने विरोधी खिलाड़ी को एक अंक तक लेने नहीं दिया।
भारत को मिल सकते हैं और गोल्ड
बजरंग के अलावा कुश्ती में मनीष कौशिक ने 60 किग्रा, गौरव सोलंकी ने 52 किग्रा और अमित ने 46 से 49 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में पहुंचकर सिल्वर मेडल सुनिश्चित कर लिया है अब ये पहलवान फाइनल में गोल्ड मेडल के लिये जंग करते दिखाई देंगे। इनके अलावा महिला वर्ग में भी कुश्ती के 57 किग्रा फ्री-स्टाइल वर्ग में पूजा ढांढा ने सिल्वर मेडल सुनिश्चत करते हुए फाइनल में जगह बना ली है।
टीटीई की नौकरी करते हैं बजरंग
हरियाणा के झज्जर जिले में पैदा हुए बजरंग ने सात साल की उम्र से ही पहलवानी शुरु कर दी थी। बजरंग को उनके पिता का सपोर्ट हमेशा मिला। बजरंग का करियर और बेहतर हो सके इसलिए उनकी फैमिली सोनीपत रहने आ गई। यहां स्पोर्ट्स अर्थॉरिटी ऑफ इंडिया में बजरंग ने कड़ी ट्रेनिंग ली। एशियन चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुके बजरंग भारतीय रेलवे में बतौर टीटीई काम करते हैं। आपको बता दें कि भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी भी इंडियन टीम में आने से पहले टीटीई का काम करते थे।