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BAREILLY: अफसरों की लापरवाही के चलते 12 किशोरियां डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एक माह से 'कैद' हैं. हॉस्पिटल में 'कैद' किशोरियों के परिजन उन्हें घर ले जाने के लिए एक माह से थाना पुलिस, सीडब्ल्यूसी और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उन्हें हर बार एक ही बात सुनने को मिलती है कि अभी सीडब्ल्यूसी का कोरम पूरा नहीं है. जिससे अभी और इंतजार करना पडे़गा. वह मायूस होकर वापस लौट जाते हैं.
डीएम का आदेश भी दरकिनार
सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) अधूरी होने पर डिप्टी सीपीओ और सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट ने डीएम वीरेन्द्र कुमार सिंह को पत्र लिखकर अवगत कराया. जिस पर पीलीभीत सीडब्ल्यूसी से दो महिला और दो पुरुष मेंबर्स की ड्यूटी बरेली के लिए लगाई गई. जिसमें मंगलवार को एक महिला और एक पुरुष मेंबर जबकि थर्सडे को एक महिला और एक पुरुष मेंबर को बरेली सीडब्ल्यूसी में ड्यूटी के लिए आना था. लेकिन डिप्टी सीपीओ और डीएम के आदेश को भी पीलीभीत सीडब्ल्यूसी में तैनात महिला मेंबर ने दरकिनार कर दिया. दोनों ही महिला मेंबर्स जीनत जहां और कंचन कश्यप बरेली ड्यूटी के लिए नहीं आई. जिससे अब सिर्फ दो पुरुष मेंबर्स डॉ. दीन बंधु शर्मा और रामप्रवेश ही ड्यूटी के लिए आ रहे हैं. अब ऐसे में पीलीभीत से एक पुरुष मेंबर्स मंगलवार तो दूसरा मेंबर गुरुवार को आता है. ऐसे में कोरम पूरा नहीं हो पा रहा है. क्योंकि कोरम पूरा करने के लिए तीन एक अध्यक्ष और दो मेंबर्स जरूरी हैं.
हॉस्पिटल में ड्यूटी दे रहे परिजन
यह सभी वह किशोरियां है जो अपने प्रेमी के साथ फरार हो गईं थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने बरामद कर सीडब्ल्यूसी में पेश किया तो वह अपने मां-बाप के साथ जाने के लिए तैयार हो गईं. लेकिन किशोरी को उसके मां-बाप के साथ भेजने के लिए सीडब्ल्यूसी में अध्यक्ष और दो मेंबर्स को होना जरूरी होता है. लेकिन कोरम पूरा नहीं होने के चलते यह सभी किशोरियां डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड के ऊपर बने कमरे में कैद हैं. हॉस्पिटल के एक रूम में कैद इन सभी किशोरियों के परिजन एक माह से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में चक्कर लगा रहे हैं.
कोरम पूरा नहीं होने के चलते किशोरियों को उनके परिजनों के सुपुर्द नहीं किया जा रहा है. कोरम पूरा करने के लिए डीएम को भी पत्र लिखा जा चुका है. जल्द ही कोरम पूरा हो जाएगा.
डॉ. डीएन शर्मा, सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट