समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ इन लोगों के पास असॉल्ट राइफ़लें हैं और वे कंट्रोल टावर के अंदर बाहर चहलक़दमी कर रहे हैं.
हालांकि अभी यह बात साफ़ नहीं हो पाई है कि ये लोग कौन हैं और वहाँ क्यों पहुँचे हैं?
प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी यूक्रेन-इंटरफ़ैक्स को बताया कि रूस की नौसेना का झंडा लिए क़रीब 50 लोग हवाई अड्डे पर उतरे थे.
माना जा रहा है कि हवाई अड्डे पर कामकाज सामान्य ढंग से चल रहा है.
इससे पहले गुरुवार को रूस समर्थित शस्त्रधारियों ने क्रीमिया की स्थानीय संसद में घुसकर वहां रूस का झंडा फहरा दिया था.
अपील
इस बीच अमरीका ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र में चरम तनाव के बीच सभी पक्षों से क़दम पीछे खींचने और उकसावे को टालने की अपील की है.
विदेश मंत्री जान कैरी ने कहा कि उन्होंने रूसी विदेश मंत्री से इस बारे में बात की थी, जिन्होंने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान का वादा किया है.
उन्होंने साथ ही रूस को चेतावनी भी दी कि वह अपने शब्दों पर कायम दिखने वाली कार्रवाई भी करे. रूस सैन्य अभ्यास कर रहा है.
विक्टर यानुकोविच को सांसदों ने पिछले सप्ताह वोटों के ज़रिए यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से हटा दिया था. अब उनके रूस में होने की ख़बरें हैं.
यूक्रेनी मीडिया का कहना है कि यानुकोविच दक्षिणी रूस के शहर रोस्तोव-आन-दोव पहुंचे हैं, जहां उनकी एक प्रेस कांफ्रेंस होनी थी.
क्रीमिया के संसद भवन को रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने चारों ओर से घेरा हुआ है
यानुकोविच ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि ख़ुद को अब भी यूक्रेन का वैधानिक राष्ट्रपति मानते हैं.
अंतरिम सरकार का गठन
यूक्रेन में एक नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है, आर्सेनी यतसेनयुक को प्रधानमंत्री बनाया गया है.
अमरीकी विदेश मंत्री कैरी का कहना है कि उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात कर ख़ासतौर पर कहा था कि रूस, अमरीका और मित्र देशों के अलावा सहयोगियों के साथ मिलकर यूक्रेन की एकता, सुरक्षा और स्वस्थ अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए काम करे.
उनका कहना है कि लावरोव ने पुतिन के बयान पर उन्हें आश्वस्त किया था कि रूस यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेगा.
कैरी ने जर्मनी के रक्षा मंत्री फ्रेंक वाल्टर स्टीनमेएरर के साथ प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ''हमें नहीं लगता कि अपने वादे के अनुसार रूस ने वहां कोई काम किया है और उसकी कथनी और करनी में अंतर दिख रहा है.''
अन्य पश्चिमी नेताओं और नेटो ने क्रीमिया की घटनाओं पर पहले ही चिंता ज़ाहिर की है.
सैन्य आक्रामकता
क्रीमिया संसद भवन पर हथियारबंद लोगों ने रूस का झंडा फहरा दिया
यूक्रेन के अंतरिम राष्ट्रपति ओलेक्जेंडर तुर्चीनोव ने रूस को आगाह करते हुए कहा कि क्रीमिया में स्थित उसके सैन्य शिविर और काले सागर में चल रही गतिविधियों को ''सैन्य आक्रामकता'' के तौर पर देखा जाएगा.
इससे पहले लावरोव ने गुरुवार को जहां रूस की सीमित रहने की बात कही थी, वहीं विदेशी ताक़तों को यूक्रेन पर कोई फैसला लेने को लेकर आगाह भी किया था.
उन्होंने यानुकोविच के पिछले सप्ताह कार्यालय छोड़ने से यूरोपीय यूनियन के साथ संधि को लेकर उनके और विपक्षी पार्टियों के बीच समझौते के क्रियान्वयन की ज़रूरत पर बल दिया.
यूक्रेन की अनिश्चितता के चलते वहां की मुद्रा हरवूनिया में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई.
नए प्रधानमंत्री ने यानुकोविच और उनकी सरकार पर देश को आर्थिक तौर पर खोखला करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि पिछले तीन सालों में अरबों डॉलर विदेशी बैंकों में ट्रांसफर किए गए.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि उसे नई सरकार की ओर से मदद का अनुरोध प्राप्त हुआ है और वह आने वाले दिनों में अपनी एक टीम किएफ़ भेज रहा है.
संसद भवन पर क़ब्ज़ा
यानुकोविच के बेदखल होने के बाद रूस की ओर परंपरागत तौर पर झुकाव रखने वाले क्रीमिया में तनाव फैल गया.
गुरुवार को विरोध प्रदर्शनकारियों के नेता ने कहा, ''हम 20 सालों से इस समय का इंतजार कर रहे थे. हम एक एकीकृत रूस चाहते हैं.''
माना जा रहा है कि कुछ हथियारबंद लोग अब भी संसद भवन के अंदर हैं, हालांकि ये साफ़ नहीं हुआ कि उनकी कोई मांग है या उन्होंने कोई बयान दिया.
उन्होंने हाथों में ''क्रीमिया रूस है'' जैसी तख्तियां थीं. एक पत्रकार के सवालों के जवाब में उन्होंने एक हथगोला भी फेंका.
बुधवार को शहर में सरकार में बदलाव के समर्थक यूक्रेनी लोगों और रूस समर्थकों के बीच झड़प भी हुई.
उपजे तनाव के बीच क्रीमिया संसद ने घोषणा की कि वह क्षेत्रीय स्वायत्तता को 25 मई तक बढ़ा रही है.
क्रीमिया में रूस वंशजों की बहुतायत है-जो 1954 में रूस से यूक्रेन आ गए थे.
वहीं यूक्रेनी वंशज किएफ़ और मुस्लिम तातार के प्रति निष्ठा रखते हैं-ये लोग स्टालिन के समय से ही रूस के प्रति वैरभाव रखते हैं- उन्होंने मास्को के प्रति किसी भी नजदीकी के विरोध के लिए एक गठजोड़ बना रखा है.
रूस के साथ अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 1994 में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने वाले एक बयान पर हस्ताक्षर किए थे.
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