इस्लामाबाद (पीटीआई)। देश में 270 सरकारी अस्पतालों और संसाधनों मजबूत करने के लिए पाकिस्तान ने विश्व बैंक से 200 मिलियन डॉलर तक के लोन के लिए बातचीत की है ताकि देश में घातक कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके। बता दें कि पाकिस्तान में मंगलवार को कोरोना वायरस से पहली मौत की सूचना मिली थी लेकिन अधिकारी लगातार इस खबर को नकार रहे हैं। इसी बीच, अब पता चला है कि पाकिस्तान में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर अब 257 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि सिंध प्रांत में सबसे खराब स्थिति है, यहां 189 मामले सामने आए हैं। इसके बाद पंजाब में 26, खैबर पख्तूनख्वा में 19, बलूचिस्तान में 16, गिलगित-बाल्टिस्तान में 5 और इस्लामाबाद में 2 मामलों की पुष्टि हुई है।
हर तरह के उपाय कर रही सरकार
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सरकार इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए हर तरह का उपाय कर रही है। अखबार ने बताया कि देश में फिलहाल जो स्थिति है, ऐसे में पाकिस्तानी अधिकारियों को विश्व बैंक से कम से कम 140 मिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है, हालांकि वह 200 मिलियन डॉलर की मांग कर रहे हैं। पैसा मिलने के बाद देश में वायरस से लड़ने के लिए काम शुरू हो जाएगा। वहीं, स्थानीय विश्व बैंक कार्यालय के प्रवक्ता मरियम अल्ताफ ने कहा, 'पाकिस्तान की सरकार और विश्व बैंक COVID-19 संकट का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए 100-200 मिलियन डॉलर के बीच वित्तीय सहायता पैकेज पर चर्चा कर रही है।'
पीएम इमरान बोले, वायरस को रोकने की क्षमता नहीं
प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि अगर कोरोना वायरस तेजी से फैलता है, तो पाकिस्तान में इसको रोकने की क्षमता और संसाधन नहीं हैं। बता दें कि पाकिस्तान को महामारी से लड़ने के लिए संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है और यदि वायरस तेजी से फैलता है तो इसकी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली बड़ी संख्या में रोगियों का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है।
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