मुंबई (मिड-डे)। COVID 19 : जब फिल्ममेकर राकेश रोशन ने अपने बेटे ऋतिक रोशन को बॉलीवुड में कहो न प्यार है (2000) मूवी के जरिए बॉलीवुड में लॉन्च किया था तो उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि करीब 20 साल बाद उनकी मूवी के टाइटल के साथ इतना इनसेंसिटिव बर्ताव किया जाएगा। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस नाम की महामारी से जूझ रही है वहीं कई प्रोडक्शन हाउसेस ने इंडिया में इस वायरस से जुड़े टाइटल्स को रजिस्टर करवाना शुरू कर दिया है जिसमें से एक है कोरोना प्यार है। कहा जा रहा है कि 'ईरोस इंटरनेशनल' ने यह टाइटल पिछले हफ्ते 'इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स काउंसिल' में रजिस्टर करवाया है।

'बहुत बचकानी और इम्मैच्योर है यह हरकत'

साल 2000 में आई राकेश की यह मूवी न सिर्फ उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मूवी थी बल्कि इसने बॉलीवुड को उसके सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक भी दिया था। यह फिल्ममेकर इस डेवलपमेंट से काफी दुखी है। उनका कहना है, 'दुनिया इस वक्त जिन हालातों से जूझ रही है, यह उसका मजाक उड़ाने जैसा है। ऐसा कुछ करना बहुत बचकाना और इम्मैच्योर है। हमें ऐसे लोगों को इग्नोर करना चाहिए।'

क्या लीगल एक्शन लेने की है तैयारी

ऐसा सुनने में आया है कि टाइटल अपनी झोली में कर लेने के बाद 'ईरोस' आज की सिचुएशन पर बेस्ड एक स्क्रिप्ट तैयार कर रहा है। जब राकेश से पूछा गया कि क्या वह उनके खिलाफ लीगल एक्शन लेने का मन बना रहे हैं तो वह बोले, 'दोनों मूवीज में एक जैसा कुछ नहीं है। बात जहां तक नाम की है तो उनके टाइटल कोरोना प्यार है का मतलब भी अलग है। इसलिए मैं इसको लेकर कुछ नहीं कर सकता।'

क्यों चुना 'कहो न प्यार है' जैसा टाइटल

रियल- लाइफ इवेंट्स के बाद स्टूडियोज का मूवी टाइटल रजिस्टर करवाने के लिए दौड़ लगाना कोई नई बात नहीं है। पिछले साल पुलवामा टेरर अटैक के बाद भी ऐसा देखने को मिला था। एक ट्रेड सोर्स ने बताया कि शायद 'ईरोस इंटरनेशनल' इस माहौल में आगे बढ़कर एडवांटेज लेना चाहता है। सोर्स के मुताबिक, 'ऐसा सुनने में आया है कि मामले की सेंसिटिविटी को ध्यान में रखते हुए मेकर्स अपनी मूवी अनाउंस नहीं करना चाहते थे। टीम ने सिर्फ टाइटल के लिए अप्लाई किया था। हालांकि कोई भी यह सवाल कर सकता है कि उन्होंने ऐसा टाइटल क्यों चुना जो कहो न प्यार है से इतना मिलता- जुलता है।'

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