एलीसा ने ठाना है कि वो मंगल ग्रह पर क़दम रखने वाली पहली एस्ट्रॉनॉट बनेंगी. नासा को भी लगता है कि एलीसा मंगल ग्रह पर जाने वाली पहली व्यक्ति बन सकती हैं और उनकी इस चाहत को पूरा करने के लिए नासा उन्हें बाक़ायदा ट्रेनिंग भी दे रहा है.
एलीसा मंगल पर इसलिए जाना चाहती हैं क्योंकि ये एक ऐसा ग्रह है जिसपर कोई नहीं पहुंच पाया है. हालांकि ये कोई साधारण बात नहीं है.
नासा के पॉल फ़ॉर्मेन कहते हैं नासा ऐसी इच्छा रखने वाले बच्चों को बहुत गंभीरता से लेता है.
एलीसा विज्ञान पढ़ रही हैं और उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान भी है. छुट्टी के दिन वो प्यानो के सुर छेड़कर या फुटबॉल खेलकर वक़्त बिताना पसंद करती हैं.
वो नासा के तीनों वर्ल्ड स्पेस कैंप में ट्रेनिंग पाने वाली पहली लड़की हैं. अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा में उनको 'ब्लूबेरी' के नाम से बुलाया जाता है.
अमरीका के बैटन रूज लुइज़ियाना की रहने वाली एलीसा कहती हैं कि विफलता उनके लिए विकल्प नहीं है.
एलीसा के पिता का कहना है कि अगले 20 वर्षों में एलीसा का मंगल पर पहुंचने का लक्ष्य है. उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ इच्छा शक्ति और सही ट्रेनिंग उनकों उस ग्रह पर पहुंचने में मदद करेंगी.हालांकि मंगल पर जाने के बाद वापस आ पाना मुश्किल है पर एलीसा कहती है कि इसके बावजूद वो मंगल पर जाना चाहेंगी.