वेटिकन सिटी (एएफपी)। पोप फ्रांसिस ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर एक खाली सेंट पीटर स्क्वायर में आयोजित 'वे ऑफ द क्रॉस' की अध्यक्षता की और कैदियों व डॉक्टरों की परेशानियों को सुना। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से गुड फ्राइडे के मौके पर आयोजित होने वाले भव्य जुलूस को उन्हें मजबूरन रोकना पड़ा। अर्जेंटीना में जन्मे पोंटिफ ने अपने पोडियम तक पैदल चलकर उत्तरी इतालवी शहर पडुआ के पांच जेल कैदियों और वैटिकन के पांच डॉक्टरों व नर्सों से मुलाकात की। दरअसल, सभी लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए थे, जिन्होंने इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा दी है। बता दें कि इटली में इस खतरनाक वायरस से लगभग 19000 लोगों की मौत हो गई है।
1.3 बिलियन कैथोलिकों के साथ किया संवाद
बता दें कि रोम में गुड फ्राइडे के दिन कालीज़ीयम पर क्रॉस जुलूस का मशाल जलाया जाता है, जो पवित्र सप्ताह का एक आकर्षण होता है। इसको देखने के लिए तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की बड़ी भीड़ होती है लेकिन वायरस के चलते इन दिनों वेटिकन व इटली दोनों जगह पर लॉकडाउन है, इसलिए गुड फ्राइडे के दिन 83 वर्षीय पोंटिफ ने लाइव-स्ट्रीम द्वारा दुनिया के 1.3 बिलियन कैथोलिकों के साथ संवाद किया। इससे पहले, फ्रांसिस ने कहा था कि कोरोना पीड़ितों की देखभाल करते हुए संक्रमित होने के बाद अपना जीवन गंवाने वाले डॉक्टर व पुजारी एक तरह से सैनिक थे, जो हमारी रक्षा करते हुए अपनी जान की आहुति दे दी। माना जाता है कि दर्जनों पादरी और कम से कम 100 डॉक्टर इटली में कोरोना वायरस से मर चुके हैं।
International News inextlive from World News Desk