नई दिल्ली (पीटीआई)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोविड-19 नियंत्रण रणनीति को मजबूत करने और देश भर में बीते 54 दिनों से लागू लॉकडाउन के चलते रुकी आर्थिक गतिविधियों को कैलिब्रेटेड तरीके से आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। बड़े पैमाने पर शहर से गांव की ओर बढ़ रहे प्रवासी मजदूरों की गतिविधि और गृह राज्यों में उनकी वापसी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में समस्याएं पैदा कर सकती हैं, बैठक के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई। बता दें कि देश में घातक वायरस के प्रकोप के बाद से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच पांच बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक हो चुकी है।

गृह मंत्री अमित शाह भी बातचीत में हुए शामिल

बता दें कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि सभी भाग लेने वाले मुख्यमंत्रियों को बातचीत के दौरान अपने विचारों को प्रसारित करने का अवसर मिले क्योंकि कुछ सीएम ने शिकायत की थी कि उन्हें 27 अप्रैल को अंतिम बातचीत के दौरान अपने विचार रखने की अनुमति नहीं थी। इस बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन शामिल थे। वर्चुअल कांफ्रेंस में भाग लेने वाले मुख्यमंत्री में वाई एस जगन मोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश), अमरिंदर सिंह (पंजाब), नीतीश कुमार (बिहार), योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) और पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश) भी शामिल थे।

सुरक्षा है जरुरी

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ रविवार को एक बैठक में, राज्य के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया कि COVID -19 से सुरक्षा की आवश्यकता है, वहीं आर्थिक गतिविधियों को भी बड़े पैमाने पर सुधारने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल को अंतिम बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। बैठक के कुछ दिनों बाद, केंद्र सरकार ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन को दो मई से बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया था लेकिन आर्थिक गतिविधियों और मूवमेंट में कई ढील दी।}

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