कानपुर (पीटीआई)। कानपुर प्रशासन ने सोमवार को दिल्ली में तब्लीगी जमात में भाग लेने वाले या उनके संपर्क में आए लोगों को अधिकारियों के सामने खुद आकर रिपोर्ट करने का 'आखिरी मौका' दिया है। इसके साथ उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एनएसए तहत कार्रवाई होगी। माना जा रहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में हुई इस सभा से देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस फैला है। इसमें उपस्थित हुए कई लोगों में अब तक वायरस का संक्रमण पाया गया है। अधिकारियों को डर है कि जो लोग इस सभा से लौट आए हैं, वे वायरस को अन्य क्षेत्रों में फैला सकते हैं।
20 घंटे में सामने आए तीन मामले
कानपुर के जिला मजिस्ट्रेट ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कहा, 'जो लोग जमात के किसी सदस्य के संपर्क में आए हैं या दिल्ली मरकज में धार्मिक मण्डली में थे, उन्हें आगे आने और कोरोना वायरस परीक्षण के लिए जिला अधिकारियों के सामने खुद को पेश करने का अंतिम मौका दिया गया है अन्यथा वह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का सामना करने के लिए तैयार रहें।' तिवारी ने कहा कि कोरोना वायरस संदिग्धों, उनके विदेशी दौरों या जमात घटना के बारे में जानकारी छिपाने वालों के खिलाफ एनएसए लागू करने का फैसला किया गया है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस तरह का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कानपुर शहर में 20 घंटे से भी कम समय में कोरोना वायरस के तीन नए मामले सामने आए हैं और इसका उद्देश्य लोगों को महामारी को गंभीरता से लेना है।'
कोरोना मरीजों को पहचानने की कर रहे हैं कोशिश
उन्होंने कहा, 'हम कोरोना वायरस से संबंधित लोगों की पहचान करने और उनका इलाज करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।' तिवारी ने कहा कि पुलिस ने सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों के माध्यम से 'रेड-जोन' में घोषणा की है, लोगों से मंगलवार की दोपहर से पहले "खुद के जीवन के लिए" रिपोर्ट करने का आग्रह किया है। सोमवार से, कानपुर शहर और उसके उपनगरीय क्षेत्रों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और सुबह के समय किसी भी प्रकार की छूट नहीं होगी। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी लोगों को सब्जियां और अन्य जरूरी सामान लाने में मदद कर रहे हैं, लेकिन किसी को भी अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
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