बुलंदशहर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक मुर्गी पालन केंद्र ने 6,000 मुर्गियों को जिंदा दफना दिया। एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोरोना वायरस के डर से चिकन की बिक्री काफी गिर गई है। यही वजह है कि मुर्गियों को जिंदा रखना या उन्हें पालना फायदे की बजाए नुकसान दे रहा है। मुबारकपुर गांव के ऊंचागांव इलाके में एक बड़ा सा गड्ढा खोद कर उसमें मुर्गियों को डाल कर दफना दिया गया। घटना की तस्वीरें और वीडियो खूब शेयर किए जा रहे हैं।
कुछ जिलों में 20 रुपये किलो बिक रहा चिकन
यह घटना उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश के बाद सामने आई है जिसमें हैचरीज को कहा गया था कि वे मुर्गों को मारने में क्रूर तरीके का इस्तेमाल न करें। सूत्र ने बताया कि यह पाेल्ट्री फार्म पंजाब का है लेकिन बुलंदशहर जिले में चलाया जा रहा है। खुदरा बाजार में मुर्गी और मांस विक्रेता बिक्री में काफी कमी आने के कारण अपने धंधे को लेकर चिंतित हैं। कुछ जिलों में चिकन की कीमत घटकर 20 किलो तक आ गई है।
A poultry farm in #Bulandshahr district reportedly buried alive over 6,000 chicks since "maintaining them had become unfeasible" in view of drastic fall in chicken prices over the #coronavirus scare, sources said on Thursday. #CoronavirusOutbreak pic.twitter.com/9fHrMf3zqZ
— IANS Tweets (@ians_india) March 19, 2020
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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने से नुकसान
मोहम्मद खालिद ने दुखी होकर गुस्से में कहा कि अफवाहों के कारण हमारा धंधा चौपट हो गया है। लोग व्हाट्सऐप पर झूठ फैला रहे हैं कि चिकन और मटन खाने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा है। मुर्गी पालन वालों के लिए यह संकट का समय चल रहा है। इस समय उनकी लागत भी निकलनी मुश्किल हो गई है।
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मंत्रालय ने बताया मीट, मछली, अंडा सुरक्षित
एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक 10 करोड़ किसान सीधे मुर्गी पालन, एनिमल हजबैंडरी और मछली पालन से जुड़े हैं। इनका जीडीपी में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान है। मछली पालन, एनिमल हजबैंडरी और डेयरी मंत्रालय ने अफवाहों को गलत बताते हुए मीट, मछली और अंडा खाने को पूरी तरह सुरक्षित बताया है।
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