नई दिल्ली (पीटीआई)। सरकार ने कोर्बेवैक्स को एहतियात के तौर पर बूस्टर डोज के लिए अनुमति दे दी है। 18 साल से अधिक वालों को जिन्होंने प्राइमरी डोज कोवैक्सीन या कोविशील्ड लगवाई है उन्हें अब कोर्बेवैक्स की बूस्टर डोज दी जाएगी। भारत में यह पहली बार है जब बूस्टर डोज की खुराक पहली वाली वैक्सीन से अलग है। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप द्वारा हाल ही में की गई सिफारिशों पर आधारित है।
कोविन पोर्टल पर किए गए बदलाव
सूत्रों ने कहा, "कोर्बेवैक्स को 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए कोवेक्सिन या कोविशील्ड टीकों की दूसरी खुराक से छह महीने या 26 सप्ताह के पूरा होने के बाद एक एहतियाती खुराक के रूप में लगाया जाएगा।' सूत्रों ने कहा कि यह कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीन के घरेलू एहतियाती खुराक प्रशासन के मौजूदा दिशानिर्देशों के अतिरिक्त होगा। Co-WIN पोर्टल पर Corbevax वैक्सीन की एहतियाती खुराक के प्रशासन के संबंध में सभी आवश्यक परिवर्तन किए जा रहे हैं।
भारत में तेजी से हुआ टीकाकरण
भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन Corbevax वर्तमान में COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका लगाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। भारत ने 10 जनवरी से फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया। वहीं देश में 16 मार्च से 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ और साथ ही कॉमरेडिटी क्लॉज को भी हटा दिया, जिससे 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग कोविड के टीके की एहतियाती खुराक के लिए पात्र हो गए।
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