दादा फिरोज गांधी थे पारसी और दादी इंदिरा कट्टर हिंदू
राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी पारसी थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी पंडित थे और उन्होंने इंदिरा गांधी को उसी मजहब के अनुसार पाल-पोस कर बड़ा किया था। इंदिरा भी अपने पिता के धर्म को मानती थीं। फिरोज से उन्हें बेपनाह मोहब्बत थी और वे हर कीमत पर उनसे ही विवाह करना चाहती थीं। यह बात पंडित नेहरू को नागवार थी। वे इस शादी के खिलाफ थे लेकिन गांधी जी के समझाने पर वे अंतत: इस विवाह के लिए राजी हो गए। गांधी जी ने ही अपना सरनेम फिरोज को दिया इसके बाद से इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू इंदिरा गांधी बन गईं। उन्होंने अपने पति की बजाए अपने पिता का ही मजहब अपनाए रखा और उनके बच्चे भी हिंदू धर्म को ही मानते रहे।
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मां सोनिया गांधी ईसाई, पिता हिंदू
उनके पिता राजीव गांधी अपने पिता के मजहब पारसी धर्म की बजाए मां के हिंदू धर्म को ही मानते रहे। मां इंदिरा ने हिंदू धर्म के अनुसार ही उनकी परवरिश की थी। लेकिन प्यार-मोहब्बत को तो मजहबी दीवारों में तो कैद नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार में एक बार फिर मोहब्बत ने मजहब की दीवारें गिरा दीं और राजीव ईटली की एक ईसाई परिवार की युवती सोनिया पर फिदा हो गए। मोहब्बत परवान चढ़ा और दोनों शादी के बंधन में बंध गए। सोनिया अपने धर्म को मानती रही और राजीव अपने धर्म को। बच्चों ने अपने पिता का धर्म अपनाया।
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चाची मेनका सिख परिवार से
मोहब्बत ने एक बार फिर इस परिवार में मजहब की दीवारें गिरा दीं। राहुल के चाचा संजय गांधी का दिल सिख परिवार की एक लड़की मेनका पर आ गया। उनकी शादी में किसी बात को लेकर हल्का-फुल्का विवाद भी रहा लेकिन लास्ट में मेनका संजय गांधी की हो ही गईं। अब गांधी परिवार में हिंदू, पारसी, ईसाई और सिख चार धर्मों को मानने वाले सदस्य शामिल हो चुके थे। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि शादी के लिए किसी ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया। एक छत के नीचे रहते हुए सब अपने-अपने मजहब और रीति-रिवाजों को मानते हुए दूसरों की भावनाओं का आदर करते रहे। बच्चों को धर्म चुनने और मानने की पूरी आजादी भी रही।
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जीजा रॉबर्ट वाड्रा हैं ईसाई परिवार से
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपने पिता के मजहब हिंदू धर्म के अनुसार पले-बढ़े और वही धर्म मानते हैं। लेकिन प्रियंका गांधी का दिल आया तो मुरादाबाद के क्रिश्चन परिवार के एक युवक पर। वह युवक कोई और नहीं रॉबर्ट वाड्रा थे। इस विवाह में कोई अड़चन नहीं थी। मां सोनिया गांधी तो पहले से ही ईसाई धर्म को मानने वाली थीं तो उन्हें क्या आपत्ति हो सकती थी। वैसे भी इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की शादी को लेकर पंडित नेहरू की आपत्ति के बाद बच्चों की शादी-विवाह में धर्म को लेकर कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं की। यही वजह रही कि प्रियंका और रॉबर्ट आसानी से एकदूसरे के हो गए।
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बहन प्रियंका के ननदोई मुस्लिम
अभी तक गांधी परिवार का रिश्ता मुस्लिम धर्म को मानने वालों से नहीं था। लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा की ननद मोनिका वाड्रा की शादी मुस्लिम परिवार के तहसीम पूनावाला से हुई। इस विवाह के साथ ही गांधी परिवार के रिश्तेदारों में मुस्लिम मजहब को मानने वाले भी शामिल हो गए। मोनिका वाड्रा प्रियंका वाड्रा की चचेरी बहन हैं। रॉबर्ट ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। मोनिका भी ईसाई थीं लेकिन उन्हें तहसीम से मोहब्बत हुई और उन्हें अपना जीवन साथी बना लिया।
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