लेकिन कई बार छो़टी सी कमी के चलते अच्छी तस्वीरें ख़राब हो जाती हैं. हालांकि अच्छे फ़ोटोग्राफ़र, तस्वीर लेते वक़्त तमाम तरह की एहतियात बरतते हैं. मगर, कई बार होता यूं है कि ग़लतियां हो जाती हैं. आपको कुछ ऐसी ही तस्वीरों से रूबरू कराते हैं, जिनमें फ़ोटो खींचने वाले की ग़लती से फ़ोटो में कमी आ गई. लेकिन, इन कमियों ने ही ऐसी तस्वीरों को अलग पहचान दी.

मशहूर फ़ोटोग्राफ़र एरिक केसेल्स ने ऐसी तस्वीरों पर एक क़िताब लिखी है. इसका नाम है, 'फेल्ड इट'.

इसमें उन चर्चित तस्वीरों के बारे में लिखा गया है जिनकी कमियां ही उनकी शोहरत की वजह बन गई. एरिक लिखते हैं कि ये ग़लतियां, जान-बूझकर नहीं की गईं. फ़ोटो लेते वक़्त अनजाने में ऐसा हो गया. लेकिन, इन तस्वीरों को खींचते वक़्त आईं इन कमियों ने इन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

सिर पर फुटबॉल लिए इस कुत्ते की तस्वीर को ही देखिए. ये ख़ूबसूरत इत्तेफ़ाक़ है या तस्वीर ख़ींचने का ग़लत वक़्त. ये तस्वीर मज़ाक़िया भी लगती है और सपनों सरीखी भी.

बहुत से फोटोग्राफर ये सवाल उठाते हैं कि तस्वीर के केंद्र में जो कुत्ता है उसका चेहरा ही नहीं दिख रहा है. लेकिन, अनायास ही तस्वीर पर नज़र पड़ती है तो लोग हंस पड़ते हैं. साल 2006 में ली गई ये तस्वीर पूरी दुनिया में ख़ूब सराही गई. एरिक कहते हैं कि तस्वीर की कमी, इसकी सबसे बड़ी ख़ूबी बन गई.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

ऐसी ही तस्वीर साल 2000 में अफ्रीकी देश नामीबिया में ली गई. इसे हॉलैंड के फोटोग्राफर आंद्रे थिसेन ने लिया था. ये तस्वीर सिर्फ़ एक पल में लिया गया फ़ैसला है.

गाड़ी में सवारी कर रहे थिसेन ने गाड़ी में बैठे हुए ही ये तस्वीर ली. जिसमें सामने का पहाड़ दिख रहा है. और बैक व्यू मिरर में पीछे का पहाड़.

मगर थिसेन ने जो तस्वीर ली, उसमें बैक व्यू मिरर में जो पीछे का पहाड़ दिख रहा है, वो सामने वाली पहाड़ी की तस्वीर को पूरा करता है.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

ये तस्वीर साल 2010 में अमरीका के न्यूयॉर्क शहर की मशहूर सड़क फिफ्थ एवेन्यू की है. यहां पर ड्यूटी कर रहे एक पुलिसवाले की ये तस्वीर कुछ ऐसे ली गई है कि पास के खंबे की छाया उस पर पड़ रही है. ये साया उस पुलिसवाले की तस्वीर को एकदम नया लुक दे रहा है.

कहने को तो सवाल उठाया जा सकता है कि पुलिसवाले की साफ़ तस्वीर नहीं आई है. मगर, इस साए की वजह से पुलिसवाले की मूंछें दिखाई पड़ रही हैं. जो तस्वीर को एकदम नया लुक देती हैं.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

ग़ीज़ा के पिरामिड की ये तस्वीर स्विटज़रलैंड के कुर्ट कैविएज़ेल ने ली. वो पिछले पंद्रह सालों से ग़ीज़ा के पिरामिड की तस्वीरें ले रहे हैं. उनकी हज़ारों तस्वीरों में से ये तस्वीर एकदम अलग ही नज़र आती है. एक छोटा सा कीड़ा, पिरामिड के ऊपर से कुछ ऐसे गुज़र रहा है, जैसे कोई लड़ाकू विमान. जबकि ये बेहद छोटा सा कीड़ा है.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

ये तस्वीर एक गाड़ी की विंडस्क्रीन की है, जिस पर गर्दो-ग़ुबार के साथ कीड़े चिपके हैं. इसे खींचा था जोआन फोंटक्यूबर्टा ने.

यूं तो ये विंडस्क्रीन की तस्वीर है. कुछ भी साफ़ नहीं. मगर दूर से देखने पर यूं लगता है कि ये हमारी आकाशगंगा में कोई अलग ही ब्रह्मांड है.

अचानक ली गई ये तस्वीर, परफेक्ट तो नहीं है, मगर कोई विंडस्क्रीन ब्रह्मांड जैसी लगे, तो चमत्कार ही तो है.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

न्यूयॉर्क के कलाकार केंट रोगोवस्की, रोज़मर्रा की चीज़ों से कलाकारी की चीज़ें बनाते हैं. इनमें पहेलियों से लेकर टेडी बीयर तक शामिल हैं.

केंट ने देखा कि जो पहेलियां बनाई जाती हैं. उन्हें उलटकर जमा किया जाए तो अलग ही तस्वीर बन जाती है.

एरिक केसेल कहते हैं कि तकनीकी रूप से ये ग़लत है. मगर, उल्टी-पुल्टी पहेलियों से बनी ये आर्ट, कलाकारी का नया नमूना पेश करती है. और ये साबित करती हैं कि नियम तोड़ने के लिए ही होते हैं.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

केंट की तरह जोआचिम श्मिड भी तकनीकी रूप से गड़बड़ तस्वीरों को नया लुक देते हैं. वो यहां वहां मिली तस्वीरों को जोड़कर नई आर्ट बनाते हैं.

एक बार उन्हें तस्वीरों के नेगेटिव का एक डिब्बा मिल गया. उन्होंने सारी तस्वीरों को डेवेलप किया, उन्हें दो टुकड़ों में काट डाला.

इसके बाद उन्होंने अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर एकदम नई फोटो बनाईं. एरिक केसेल समझाते हैं कि क्रिएटिविटी कहीं भी तलाशी जा सकती है. जोआचिम ने इसे दो कटी-फटी तस्वीरों में ही खोज लिया.
कभी-कभार ग़लतियां भी बना देती हैं मशहूर

ये आख़िरी तस्वीर, कई तस्वीरों का मेल है. जिसमें एक परिवार को बुत के साथ दिखाया गया. उलट-पुलट कर इकट्ठा की गई तमाम तस्वीरों का कोलाज ये ज़ाहिर करता है कि ख़ुले दिमाग़ से कलाकारी करनी चाहिए. हर जगह आर्ट की गुंजाइश है.

तो, साफ़ है कि अगली बार आपकी पारिवारिक फ़ोटो गड़बड़ हो जाए, तो सबको मिलाकर एक नया लुक दिया जा सकता है. याद रखिए कि आर्ट की गुंजाइश सब जगह है.

International News inextlive from World News Desk

 

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