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LUCKNOW: विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अचानक तबियत बिगड़ गयी जिसके बाद उनको आनन-फानन में सिविल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष को स्पांडिलाइटिस की वजह से अचानक चक्कर आ गया था। डॉक्टर्स ने उनका मेडिकल चेकअप करने के बाद वापस भेज दिया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिविल अस्पताल जाकर विधानसभा अध्यक्ष के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

प्रश्नकाल में बिगड़ी तबियत

गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्न काल के दौरान अचानक विधानसभा अध्यक्ष की तबियत बिगडऩे लगी। यह देखकर मार्शल ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया जिसने चेकअप करने के बाद अस्पताल जाने की सलाह दी। बसपा के सदस्य सुखदेव राजभर ने विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व निभाते हुए सदन की कार्यवाही जारी रखी। आनन-फानन में विधानसभा अध्यक्ष को नजदीक सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां सीएमएस डॉ। आशुतोष समेत कई डॉक्टर्स ने उनका ट्रीटमेंट शुरू कर दिया। डॉक्टर्स ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष की ईसीजी जांच में कोई भी गंभीर बात सामने नहीं आई है। वहीं एक्स-रे में पाया गया कि उनको कई दिनों से स्पॉन्डिलाइटिस की बीमारी है जिसकी वजह से उनको चक्कर आया था। फिलहाल उनको आराम करने की सलाह दी गयी है। अभी दो जांच रिपोर्ट आनी बाकी है जिसके बाद आगे का इलाज किया जाएगा।

मॉब लिंचिंग पर सपा का वॉकआउट

वहीं दूसरी ओर विधानसभा में आज सपा ने मेरठ में मॉब लिंचिंग की घटना पर हंगामा किया। सपा सदस्यों की मांग थी कि इस घटना में दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और सदन में चर्चा कराई जाए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने ङ्क्षहसा करने व अराजकता फैलाने वालों पर कोई नरमी न बरतने की बात कही और निर्दोषों का उत्पीडऩ नहीं करने का भरोसा भी दिलाया। वहीं चर्चा कराने से इनकार करने पर सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।

आरक्षण को लेकर हंगामा

इसके अलावा सदन मेें सपा और बसपा ने सहायक आचार्यों (असिस्टेंट प्रोफेसर) के इंटरव्यू में अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी और आरक्षण की अनदेखी का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अधिक अंक पाने के बावजूद इंटरव्यू से वंचित किये गये। इस पर सपा और बसपा के सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भरोसा दिया कि ओबीसी का हक नहीं मारा जाएगा।

अवैध ढाबे होंगे बंद

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने विधानसभा में कहा कि सरकार सड़क हादसों को रोकने के लिए गंभीर है। हादसे के सभी कारणों का अध्ययन किया गया है। अंकुश लगाने के लिए बेहतर उपाय किये जा रहे हैं। एक्सप्रेस-वे और हाईवे पर अवैध ढाबे भी दुर्घटना की वजह बनते हैं। सरकार इन्हें बंद कराएगी। सरकार यह व्यवस्था करेगी कि एक्सप्रेस-वे पर किनारे कोई गाड़ी न खड़ी हो। उसे हटाने की जिम्मेदारी पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हैकिल) डायल-100 को दी जाएगी।

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कई विधेयक पारित

गुुरुवार को सदन में निजी विश्वविद्यालय समेत सात विधेयक पास हो गये। इनमें उप्र राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, राज्य विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन विधेयक, गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनियमन संशोधन विधेयक, शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक, कृषि एवं प्रोद्यौगिक विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक और उत्तर प्रदेश स्टांप निरसन विधेयक 2019 शामिल है। निजी यूनिवर्सिटी बिल पर चर्चा के दौरान बात दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय तक पहुंच गयी। सपा सदस्य उज्जवल रमन सिंह ने कहा कि इस बिल के एक सेक्शन में सरकार ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को जिक्र है। इस मतलब यह है कि सरकार किसी को भी यूनिवर्सिटी में खड़ा कर के इसके बहाने निजी विश्वविद्यालय की मान्यता समाप्त कर सकती है।

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