शहर की 20 फीसद कामकाजी महिलाओं ने ली है हेल्थ पॉलिसी
59 फीसद के पास हैं लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
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VARANASI
भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत बड़ी समस्या है. खासतौर पर महिलाओं के लिए. चौंकाने वाली बात यह कि परिवार और समाज की भारी जिम्मेदारी उठाने वाली महिलाएं अपनी सेहत की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं. यह बात हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए गए सर्वे से पता चलता है. सर्वे के अनुसार शहर में रहने वाली लगभग 20 फीसद कामकाजी महिलाएं ही हेल्थ इंश्योरेंस लेती हैं. अन्य महिलाएं हेल्थ या अन्य किसी भी तरह के इंश्योरेंस अपने लिए नहीं लेती हैं.
बढ़ रही हेल्थ प्रॉब्लम
बनारस में लाखों महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर काम कर रही हैं. समाज के हर क्षेत्र में असरदार ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. लिंग असमानता की बेडि़यों को तोड़ते हुए प्रोफेशनल कामयाबी हासिल की है. इन सारी कामयाबी के बावजूद वह अपने हेल्थ को लेकर गंभीर नहीं है. जबकि क्षमता से अधिक काम, मानसिक तनाव, अनियमित खान-पान और प्रदूषण की चलते उनकी सेहत खराब हो रही है. बावजूद इसके वो हेल्थ पॉलिसी लेना पसंद नहीं करती हैं. सर्वे के मुताबिक
शहर में 68 फीसद पुरुषों की तुलना में 59 फीसद कामकाजी महिलाओं ने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां खरीदी हैं.
अगर हेल्थ पॉलिसी की बात करें तो सिर्फ 20 फीसदी कामकाजी महिलाओं ने हेल्थ इंश्योरेंस कराया है. बाकी महिलाएं हेल्थ या अन्य किसी भी तरह के इंश्योरेंस अपने लिए नहीं खरीदती हैं. सर्वे के अनुसार शहर में 55 वर्ष की महिलाओं के आयु वर्ग का सबसे अधिक क्लेम साइज है. दिलचस्प बात यह है कि इसी आयु वर्ग के पास सबसे कम इंश्योरेंस पॉलिसी हैं.
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महिलाएं हैं बनारस में
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लाख महिलाओं की संख्या है शहर में
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लाख महिलाएं हैं कामकाजी शहर में
20
फीसद कामकाजी महिलाओं ने लिया हेल्थ इंश्योरेंस
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फीसद महिलाओं के पास नहीं हेल्थ इंश्योरेंस
59
फीसद कामकाजी महिलाओं ने लिया लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसिया
55
वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं का सबसे अधिक हेल्थ क्लेम है.
वर्जन...
दिल्ली और लखनऊ जैसे मेट्रो शहर की तुलना में बनारस में कामकाजी महिलाओं का प्रतिशत काफी कम है. इसलिए हेल्थ पॉलिसी लेने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा कम है. इसके अलावा अधिकतर महिलाएं लाइफ इंश्योरेंस ले रखी होती हैं, इसलिए हेल्थ पॉलिसी पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं. जनरल इंश्योरेंस से महंगा भी होता है हेल्थ पॉलिसी.
-एके राय, विकास अधिकारी (पीएनबी इंश्योरेंस)
कामकाजी महिलाओं भी पुरुष के बराबर की भागदौड़ करना पड़ता है.
खासकर मध्यवर्गीय परिवार की महिलाएं. रोड एक्सीडेंट या गंभीर बीमारी होने पर वो इलाज के लिए बड़ा एमाउंट अरेंज नहीं कर पाएंगी. इसलिए उन्हें अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराना चाहिए. पूरी फैमिली के लिए हेल्थ इंश्योरेंस महंगा पड़ता है, इसलिए महिलाएं खुद की बजाय परिवार के पुरुष सदस्य को इंश्योरेंस लेना ज्यादा बेहतर समझती हैं.
अनूप जैन, विकास अधिकारी (न्यू इंडिया इंश्योरेंस)