हवाई जहाज का किराया 30 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा
जेट और बोइंग मैक्स के विमानों का परिचालन हटाए जाने से बनी स्थिति
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VARANASI
जेट एयरवेज की करीब आठ उड़ानें और बोइंग मैक्स विमानों के परिचालन अचानक हटाए जाने से हवाई सफर के रेट ने हाई स्पीट पकड़ ली है. वाराणसी एयरपोर्ट से संचालित होने वाली एयरलाइंस कम्पनियों ने अप्रैल में जारी समर शेड्यूल में हवाई जहाज का किराया करीब 30 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है.
पिछले एक-दो माह से सप्लाई में कमी के चलते विमान किराए में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है. जेट एयरवेज और बोइंग 737 मैक्स विमानों को परिचालन से हटा दिए जाने के कारण स्थिति और खराब हो गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार साल की दूसरी छमाही में यात्रा संबंधी मांग में होने वाली वृद्धि के बाद अचानक मैक्स विमानों को खड़ा कर दिया गया, जिससे विमान किराए ने स्पीट पकड़ लिया.
30 से 50 प्रतिशत किराया बढ़ा
कहना है कि घरेलू क्षेत्र में हवाई किराया उच्चतम स्तर पर है, खासकर वाराणसी-दिल्ली और वाराणसी-मुंबई मार्ग पर किराया पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 50 फीसदी तक बढ़ गया है. जबकि वाराणसी से बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, गुवाहटी, खजुराहो और कोलकाता का किराया 30 फीसदी तक बढ़ गया है.
ट्रैवल फ्लाइ के मालिक शाहिद ने बताया कि एयरलाइंस ने जनवरी-फरवरी माह में सेल के ऑफर वापस लेने के साथ अप्रैल में समर शेड्यूल जारी किया है, जिसमें विमान किराया करीब 30 से 50 प्रतिशत बढ़ाया गया है. ऐसी स्थिति में यात्रियों में अडवांस बुकिंग के जरिए सस्ते में टिकट लेने की होड़ बढ़ेगी. इसके अलावा ईंधन के मद में लागत बढ़ने से विमान सेवा कंपनियों ने पिछले तीन-चार महीने में औसत विमान किराए में बढ़ोतरी की है.
मुश्किल क्यों
रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय संकट के कारण जेट एयरवेज के विमानों के खड़े हो जाने, स्पाइसजेट द्वारा 737 मैक्स विमानों को परिचालन सेवाओं से हटाने और फरवरी के मध्य से मार्च तक इंडिगो द्वारा उड़ानों की संख्या में कमी का आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है.
क्या है वजह
-पायलट की कमी के कारण घरेलू विमानन बाजार में सबसे आगे इंडिगो भी नए संकट से जूझ रही है.
-जेट एयरलाइंस द्वारा बकाया न चुकाने के कारण इसके कई विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.
-वित्तीय संकट बढ़ने और सप्लाई में कमी की वजह से हो रही बढ़ोतरी