दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करने वाले रोहित शर्मा जब कम्पनी की ओर से कराए जा रहे चेकअप में शामिल हुए तो उनके यूरीन में प्रोटीन एवरेज से ज्यादा पाया गया. उसके बाद उन्हें तुरंत किडनी स्पेशलिस्ट के पास भेजा गया. चेकअप के बाद पता चला कि उन्हें किडनी डिसीज है. रोहित इस बात से शॉक्ड थे कि उन्हें कभी कोई प्रॉब्लम भी नहीं हुई और खुद पर शक भी नहीं हुआ. रोहित को यकीन नहीं हो पा रहा था कि उन्हें किडनी डिसीज है.
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. मनीष त्रिपाठी कहते हैं, ‘दरअसल किडनी डिसीज के शुरुआती सिम्पटम्स नहीं होते जिससे कि डिसीज के बारे में पता चल जाए. अगर कोई सिम्पटम दिखाई भी देता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.’ जानते हैं, कैसे आते हैं हम सीकेडी की चपेट में, और क्या है सॉल्यूशन...
Causes
- जरूरत से ज्यादा नमक: माना कि आप नमक ज्यादा नहीं खाते लेकिन दिन भर में अगर आप समोसे, पिज्जा, बर्गर या कोई प्रोसेस्ड फूड खाते हैं तो इसके जरिए नमक ऑलरेडी आप ज्यादा खा रहे होते हैं. इससे किडनी स्टोन के चांसेज बढ़ जाते हैं.
- पानी कम पीना: पानी कम पीना क्रॉनिक किडनी डिसीज की दूसरी सबसे बड़ी वजह है. अक्सर हम बहुत जल्दी में होते हैं और पानी कभी भी पिया जा सकता है, ऐसा मानकर चलते हैं. धीरे-धीरे पानी को इग्नोर करने की हमारी आदत बन जाती है.
- हाई कैलोरी फूड: फैटी और ऑयली डाइट खाते रहने से ओबेसिटी, डायबिटीज और हाई ब्लडपे्रशर की प्रॉब्लम होने लगती है, और इन तीन में से एक भी प्रॉब्लम आपको है तो किडनी डिसीज होने के चांसेज भी ज्यादा होते हैं.
Symptoms
हालांकि किडनी डिसीज के शुरुआती सिम्पटम्स नहीं होते हैं, इसलिए आप किसी सिम्पटम का वेट किए बगैर साल में एक बार चेकअप के लिए जरूर जाएं. इसके बावजूद अगर इनमें से कोई भी सिम्पटम आपको खुद में नजर आए तो चेक अप कराने में देर ना करें...
- सुबह जगने के बाद आंखों के नीचे स्वेलिंग
- शाम को पैरों में स्वेलिंग
- अक्सर भूख ना लगना
- ब्रश करते वक्त वॉमेटिंग फील करना
- वीकनेस और थका हुआ फील करना
- रात में तीन बार इससे ज्यादा यूरीन के लिए जाना
- बॉडी में खुजली होना
Prevention
- अपने साथ पानी की बॉटल हमेशा रखें. जब भी प्यास लगे तुरंत पानी पीएं अगर बहुत बिजी रहते हों या पानी पीना ही भूल जाते हों तो मोबाइल में अलर्ट लगा दें.
- प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल ना खाएं.
- ब्लड शुगर को हमेशा कंट्रोल में रखें.
- ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करते रहें.
- हेल्दी डाइट लें और वेट को कंट्रोल में रखें.
- ज्यादा से ज्यादा फ्लूइड लेते रहें.
- स्मोकिंग बिल्कुल ना करें, अल्कोहल भी अवॉयड करें.
Required tests
- सीरम क्रियेटिनिन टेस्ट
- ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट
- 24 आवर्स यूरिन प्रोटीन टेस्ट
- जीएफआर ग्लोमरुलर फिल्टरेशन रेट टेस्ट
- सीरम कैल्शियम टेस्ट
- सीरम फासफोरस
- अल्ट्रा सोनोग्राफी ऑफ किडनी
लम्बे वक्त से किसी डिसीज के लिए पेन किलर ले रहे हों तो भी आपको चेकअप जरूर कराना चाहिए.
आप जंक फूड खाने के शौकीन हैं तो उस पर थोड़ा कंट्रोल रखें. भले ही खाते वक्त हमें एक्सेस नमक का पता नहीं चलता लेकिन जंक फूड्स में नमक ज्यादा होता है. जंक फूड खाने के बाद सफिशिएंट पानी पीएं.
लिक्विड के तौर पर फ्रूट जूस लेना बेहतर ऑप्शन है. वैसे घर से निकलते वक्त आप फ्लूइड के तौर पर छाछ, दूध वगैरह भी ले सकते हैं. हां, पानी की बॉटल साथ में जरूर रखें.
किडनी का काम
किडनी का काम बॉडी से एक्स्ट्रा वॉटर बाहर निकालना होता है. वॉटर के साथ यूरिया, क्रियेटिनिन को भी बाहर निकालती है. किडनी से निकलने वाला रेनिन हार्मोन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम भी करता है. किडनी बॉडी में एसिड बेस मेटाबोलिज्म को ठीक रखती है. हड्डियों को मजबूत करने में भी किडनी इम्पॉर्टेंट रोल प्ले करती है. किडनी से निकलने वाला इरिट्रो पोएटिन हार्मोंन एनीमिया होने से रोकता है.
- डॉ. डीके सिन्हा, नेफ्रोलॉजिस्ट
प्रोसेस्ड फूड में मौजूद सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस लॉन्ग टर्म में किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं.
Misconceptions
टमाटर, पालक, गोभी खाने से किडनी स्टोन होता है...
बिल्कुल नहीं. इन सब्जियों के खाने से स्टोन की प्रॉब्लम तब होगी जब आप इन्हें रोज पांच किलो खाएंगे. हां, अगर आप दिनभर में एक बोतल सॉस खाते हैं तो जरूर यह नुकसानदेय होगा क्योंकि एक बोतल सॉस बनाने में 5 किलो टमाटर लगता है.
क्या दवा खाने से किडनी में स्टोन गल जाता है?
किसी भी दवा से स्टोन गलकर बाहर नहीं निकलता. कई बार स्टोन जब बहुत छोटे होते हैं तो अपने आप यूरीन के रास्ते बाहर आ जाते हैं. अगर पेशेंट को किडनी स्टोन है तो उसे ऑपरेशन कराना चाहिए वरना स्टोन किडनी को डैमेज कर सकता है.
मैं यंग हूं, हेल्दी हूं मुझे किडनी डिसीज नहीं हो सकता.
अगर आप जंक फूड ज्यादा खाते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते और रेग्युलर पानी पीने की आदत भी नहीं है तो आपको क्रॉनिक किडनी डिसीज हो सकता है और रेग्युलर ईयर्ली चेकअप के लिए जाना चाहिए.
-डॉ. मनीष त्रिपाठी,
निफ्रोलॉजिस्ट