तनख्वाह की जगह दे दी मौत
पाकिस्तान में एक ईसाई दंपति को सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने नियोक्ता से अपनी तनख्वाह की मांग की. इसके अलावा उन्होंने तनख्वाह ना मिलने पर जब नौकरी छोड़कर जाने की बात की तो ईसाई दंपति को भट्टे में जिंदा जला दिया गया. गौरतलब है कि इस मामले में यह पाया गया है कि ईसाई दंपति को कुरान के अपमान करने के नाम पर सामुहिक रूप से मारा-पीटा गया. इसके साथ ही दंपति को भट्टे में जिंदा फेंक दिया गया.
कुरान का नाम लेकर दी सजा
इस हत्याकांड में मृत दंपति के रिश्तेदार ईमानुअल सरफराज के अनुसार 35 वर्षीय शहजाद मसीह और 31 वर्षीय शमा चाक 59 गांव में मोहम्मद युसुफ गुज्जर नामक व्यक्ति के भट्टे पर काम कर रहे थे. कुछ दिनों तक तनख्वाह नही मिलने पर शहजाद ने युसुफ से भट्टे पर काम छोड़कर जाने की बात की. लेकिन युसुफ इस बात पर राजी नही हुआ. इसके साथ ही युसुफ ने भट्टा छोड़ने पर पांच लाख रुपये अदा करने को कहा. दंपति इस अदायगी के लिए बिलकुल भी तैयार नही थे और भट्टा छोड़कर जाने लगे. यह देखकर युसुफ ने पास की मस्जिद में जाकर यह बात फैला दी कि ईसाई दंपति ने पवित्र कुरान के पन्ने जलाए हैं. लेकिन बच्चे को बख्श दिया
मस्जिद में कुरान के जलाए जाने की बात सुनते ही मौलवियों के नेतृत्व में भट्टे के आसपास भीड़ एकत्र होना शुरु हो गई. इसके बाद दंपति को उनके कमरे में घुसकर पीटते हुए बाहर निकाला गया और ईशनिंदा के आरोप लगाए गए. इस दौरान दंपति ने अपने बेगुनाह होने की गुहार लगाई लेकिन उनकी किसी ने ना सुनी. इसके बाद दंपति को जलते हुए भट्टे में फेंक दिया गया. हालांकि भीड़ ने बच्चे को बख्श दिया. इस बारे में पाकिस्तान मानवाधिकार संगठन ह्युमन लिबरेशन कमीशन के चीफ असलम सहोत्रा के अनुसार भट्टे में दंपति की हड्डियां पाई गई हैं.
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