लिनपैक नामक मानक टेस्ट के अनुसार तियानहे-2 33.86 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड यानी 33,863 खरब प्रति सेकेंड की दर से गणना कर सकता है.
तियानहे-2 पहली बार इस वर्ष जून में दुनिया का सबसे तेज़ कंप्यूटर सिस्टम बना था. जून में आई सूची में मात्र एक बदलाव हुआ है.
स्विट्ज़रलैंड के कंप्यूटर पिज़ डेंट ने इस सूची में छठा स्थान प्राप्त किया है. पिज़ डेंट 6.27 पेटाफ़्लॉप प्रति सेकेंड की दर से गणना कर सकता है.
जर्मनी के मैनहिम विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर के नेतृत्व में साल में दो बार दुनिया के 500 सबसे तेज़ कंप्यूटरों की सूची बनाई जाती है.
इस सूची में दूसरे स्थान पर अमरीका का सुपरकंप्यूटर टाइटन है लेकिन तियानहे-2 के अंक टाइटन को मिले अंक से करीब दोगुने हैं.
टाइटन अमरीकी ऊर्जा विभाग का सुपरकंप्यूटर है और टेनिसी राज्य के ओक रिज़ नेशनल लेब्रोटरी में रखा हुआ है.
गति का मानक
दुनिया के सबसे तेज़ कंप्यूटर
तियानहे-2 (चीन) 33.86 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
टाइटन (अमरीका) 17.59 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
सिक्वोया (अमरीका) 17.17 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
के कंप्यूटर (जापान) 10.51 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
मीर (अमरीका) 8.59 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
पिज़ डेएंट (स्विट्जरलैंड) 6.27 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
स्टैंपीड (अमरीका) 5.17 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
जुक्वीन (जर्मनी) 5.09 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
वल्कैन (अमरीका) 4.29 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
सुपरमक(जर्मनी) 2.90 पेटाफ्लॉप प्रति सेकेंड
सूची बनाने के लिए एक ख़ास तरह के एकरेखीय समीकरण को हल करके कंप्यूटर की गति मापी जाती है.
इस परीक्षण में गणना की गति के अलावा डाटा ट्रांसफर जैसे मानकों का आकलन नहीं किया जाता. जबकि इनसे व्यावहारिक उपयोग के दौरान कंप्यूटर के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है.
इस सूची में पहले दस स्थानों पर रहे कंप्यूटरों में से पाँच कंप्यूटरों के निर्माता आईबीएम ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा कि अब इस सूची को तैयार करने की विधि को अब बदलने की ज़रूरत है और कंपनी इसी सप्ताह कोलाराडो के डेनेवर में होने वाले एक सम्मेलन में इस मुद्दे पर ज़ोर देगी.
आईबीएम के ज्यूरिच रिसर्च लैब के कंप्यूटेशनल साइंस विभाग के प्रमुख डॉ अलेसेंद्रो कुरिओनी ने बीबीसी से कहा, "किसी ख़ास समस्या को हल करने के आधार पर कंप्यूटर की क्षमता और उचच्-क्षमता के कंप्यूटरों के विकास की स्थिति मापने की विधि के अनुसार टॉप 500 की सूची बनाना पिछले दशकों तक उपयोगी तरीका था लेकिन अब हमें ज़्यादा व्यवहारिक तरीका अपनाने की जरूरत है जिससे व्यवहारिक उपयोग के दौरान इन सुपरकंप्यूटर के सबसे महत्वपूर्ण कार्य के आधार पर उनके प्रदर्शन का पता चले."
वास्तविक प्रदर्शन
एरिक स्ट्रोहमाएर कहते हैं, "लाइनपैक जैसे साधारण मानक के सहारे आज के जटिल कंप्यूटर सिस्टम में किसी अप्लीकेशन के वास्तविक प्रदर्शन के बारे में नहीं पता चल सकता."
चीनी भाषा में तियानहे-2 का अर्थ होता है मिल्की वे-2. इसे चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेकनॉलजी ने विकसित किया है. यह चीन के दक्षिण-पूर्वी प्रांत गुआनडॉंग में रखा है.
इसमें इंटेल के बनाए कई तरह के मिश्रित प्रोसेसर का प्रयोग किया गया है. इसमें विश्वविद्यालय द्वारा डिज़ाइन किए गए ख़ास तरह के सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) का भी प्रयोग किया गया है.
हालाँकि सरे विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विभाग के प्रोफ़ेसर एलेन वुडवर्ड का कहना है कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि चीन का सुपरकंप्यूटर व्यवहारिक उपयोग में अमरीकी कंप्यूटर से बेहतर है या नहीं.
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