मई में प्रपोज्ड अपनी चीन विजिट से पहले ही प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी चीनी मीडिया में छा गए हैं. न्यूज पेपर्स और न्यूज चैनलों का कहना है कि सरकार को इस मौके का इस्तेमाल सिल्क रोड प्रोजेक्ट पर इंडिया के डाउट्स को दूर करने के लिए करना चाहिए. चाइना डेली, ग्लोबल टाइम्स, पीपुल्स डेली, शिन्हुआ और सरकारी न्यूज चैनल सीसीटीवी में मोदी के दौरे की अनाउंसमेंट और सुषमा स्वराज की चीन विजिट से जुड़ी खबरें छाई रहीं. सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स ने मोदी की अनाउंसमेंट को प्रेसिडेंट शी चिनफिंग के उस कमेंट के साथ लीड न्यूज बनाया है जिसमें उन्होंने इंडिया और चीन को सभी प्राब्लम्स  का साल्यूशन पेशेंटली करने को कहा है. शंघाई में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में रिसर्चर हू झियोंग के मुताबिक मोदी के दौरे से आपसी विश्वास मजबूत होने के अलावा इंडिया में इन्वेस्टमेंट और बिजनेस की पॉसिबिलटीज भी खुल सकती हैं.

पीकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चेन फेंगजुन के अकॉर्डिंग साउथ एशिया (खासकर श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों में) में इंडिया का अच्छा खासा इफेक्ट है, ऐसे में चीन को इस मसले (वन बेल्ट, वन रोड) पर नई दिल्ली की चिंताओं को दूर कर यह दिखाना चाहिए कि सिल्क रोड जैसे प्रोजेक्टस से दोनों देशों को फायदा होगा.

 

शंघाई म्युनिसिपल सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के वेंग देहुआ के अकॉर्डिंग, ‘कुछ लोगों का कहना है कि मोदी ने विजिट की अनाउंसमेंट चीन को यह इंश्योर करने के लिए की है कि ओबामा के दौरे के बाद भारत अमेरिका के फेवर में नहीं जा रहा है. मैं इससे एग्री नहीं हूं. दरअसल, मोदी ने ऐसी डिप्लोमैटिक स्टाइल डेवलप की है, जिसके तहत सभी सुपर पॉवर्स के बीच बैलेंस मेंटेन करते हुए भारत के लिए ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके.’ इंडिया की एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर सुषमा स्वराज की चीन और रूस के फॉरेन मिनिस्टर्स के साथ हुई मीटिंग को भी चीन की मीडिया में हाई लाइट किया गया.

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