पिछले हफ़्ते घोषित किए गए इस नए हवाई क्षेत्र के इलाक़ों पर जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और चीन दावा करते रहे हैं.
चीन ने कहा है कि इस हवाई क्षेत्र से गुजरने वाले तमाम विमानों को अपनी उड़ान योजना के बारे में जानकारी मुहैया करानी होगी, नहीं तो उनके ख़िलाफ़ आपात रक्षात्मक कार्रवाई की जाएगी.
लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए जापान, दक्षिण कोरिया और अमरीका ने अपने सैन्य विमानों को इस हवाई क्षेत्र से उड़ाया है.
पहले से तनावग्रस्त इस क्षेत्र में इस नए विवाद ने आपात सैन्य कार्रवाई की चिंता पैदा कर दी है.
विवादित क्षेत्र
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने वायु सेना के प्रवक्ता कर्लन शेन के हवाले से बताया है कि कई सैन्य विमानों और चेतावनी विमान को नियमित गश्त करने के लिए नए हवाई क्षेत्र में भेजा गया है.
कर्नल शेन ने कहा, "ये अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के तहत उठाया गया रक्षात्मक क़दम है."
उन्होंने कहा, "देश की वायु सेना हाई अलर्ट पर रहेगी जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हवाई ख़तरों से निपटने के लिए क़दम उठाने के लिए तैयार है."
चीन के घोषित इस नए हवाई रक्षा क्षेत्र में जापान और चीन के बीच विवाद का कारण बने दो द्वीप भी आते हैं. इन द्वीपों पर चीन और जापान दोनों अपना दावा ठोकते रहे हैं.
फिलहाल इन द्वीपों पर जापान का नियंत्रण है. इस नए हवाई क्षेत्र में पानी में डूबा एक चट्टानी क्षेत्र भी है. दक्षिण कोरिया इसे अपना इलाक़ा बताता है.
चीन का कहना है कि नया हवाई क्षेत्र पूरी तरह से उचित और वैध है लेकिन इसका व्यापक स्तर पर विरोध भी हो रहा है.
उल्लंघन
"चीन को ध्यान में रखकर हम अपनी निगरानी गतिविधियों में बदलाव नहीं करने जा रहे हैं."
योशिहिदे सुगा, जापानी सरकार के प्रवक्ता
अमरीका ने इसे क्षेत्र को असंतुलित करने वाला क़दम क़रार दिया है. मंगलवार को अमरीका ने इस क्षेत्र से चीन को जानकारी दिए बिना हथियार रहित बमवर्षक विमान बी-52 उड़ाए.
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री युन ब्यूंग ने बुधवार को कहा कि इसकी वजह से, पहले से मुश्किल क्षेत्रीय स्थितियों से निपटना और मुश्किल हो गया है.
दक्षिण कोरिया ने ये भी कहा कि मंगलवार को उसके एक सैन्य विमान ने इस क्षेत्र में चीन को जानकारी दिए बिना उड़ान भरी.
गुरुवार को जापान ने कहा था कि उसके सैन्य विमान ने निगरानी गतिविधि के लिए इस क्षेत्र में नियमित गश्त की थी. हालांकि जापान ने ये नहीं बताया कि उसका विमान इस क्षेत्र में कब दाखिल हुआ.
जापान सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने कहा, "चीन को ध्यान में रखकर हम अपनी निगरानी गतिविधियों में बदलाव नहीं करने जा रहे हैं."
दक्षिण कोरिया और चीन के बीच गुरुवार को इस नए हवाई क्षेत्र को लेकर बातचीत हुई लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका.
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