2015 के फर्स्ट डे वाशिंगटन में बनी ताइवान एंबेसी पर ताइवानी झंडा फहरा दिया गया इस बात से चीन काफी नाराज है और उसने अपना प्रोटेस्ट यूनाइटेड स्टेटस के सामने जता भी दिया है. जबकि इस बारे में अमेरिका का कहना है कि उसे वाशिंगटन में ताइवान के रिप्रेंजन्टेटिव के रेजिडेंस पर न्यू ईयर डे पर फ्लैग रेजिंग के बारे में पहले से नहीं बताया गया था. ताइवान मीडिया की रिर्पोटस के अकॉर्डिंग ऐसा फर्स्ट टाइम हुआ है कि जब वाशिंगटन में रिप्रेंजेंटेटिव के रेजिडेंस पर झंडा फहराया गया. 36 साल पहले ताइवान के रिप्रेंजटेटिव के हाउस पर चीन का झंडा लगाया गया था और डिप्लोमेट के तौर पर ताइपे के बदले बीजिंग को रिक्गनाइज किया गया था.
बीजिंग में चाइनीज फॉरेन मिनिस्टरी की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग ने बताया कि 1 जनवरी को हुए इवेंट को लेकर चीन ने अमेरिका के सामने अपना प्रोटेस्ट जताया है और वाशिंगटन से ताइवान रिलेटेड इश्यूज से निपटने के दौरान इंटैलिजेंटली स्टेप लेने की रिक्वेस्ट की है. उसने अमेरिका से वन चाइना पॉलिसी, जिसके बेस पर ताइवान चीन का ही पार्ट है, पर स्टैंड करने के अपने प्रॉमिस पर कायम रहने के लिए कहा है.
हालाकि इस मामले पर वाशिंगटन में, फॉरेन अफेयर्स डिपार्टमेंट की स्पोक्स पर्सन जेन साकी ने कहा है कि ट्विन ओक्स हाउस में ऑग्रेनाइज इवेंट अमेरिकी पॉलिसी के अकॉर्डिंग नहीं था और अमेरिकी सरकार के किसी वर्कर ने उसमें पार्टिसिपेट नहीं किया था. उन्होंने कहा कि अमेरिका-ताइवान रिलेशन की कैटेगरी में कुछ भी चेंज नहीं हुआ और अमेरिका वन चाइना पॉलिसी पर अभी भी कमिटेड है.
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