सेल्फ ड्राइविंग फ्यूचर बनाने की दिशा में चीन का बड़ा कदम
दुनिया भर में अपना सामान बेचने वाला चीन आजकल खुद को एक टेक्नोलॉजी का सुपर पावर बनाने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में उसने अपना यहां एक ऐसा हाईवे बनाया है, जो उस पर चलने वाली सभी इलेक्ट्रिक कारों को वायरलेस तकनीक से चार्ज भी करता रहेगा। यह स्मार्ट रोड सोलर पैनल, हाईटेक सेंसर और वायरलेस टेक्नोलॉजी से लैस है, जो स्पीड में दौड़ते वाहनों की न सिर्फ बैटरी चार्जिंग करेगा, बल्कि उन वाहनों के बारे में सारा डेटा भी खुद ही जुटा लेगा। सच में यह हाईवे भविष्य के ट्रैफिक तो रफ्तार देने वाला साबित हो सकता है।
बिजली बनाने वाला ये हाइवे वाहनों के साथ साथ 800 घरों को देगा बिजली
चीन के पूर्वी शहर जिनान में चीन द्वारा ट्रायल प्रोजेक्ट के तौर पर बनाई गई एक किलोमीटर यानि करीब 1,080 मीटर लंबी यह हाइवे रोड खुद में बहुत स्मार्ट है। चीन की बिल्डर कंपनी Qilu Transportation Development Group Coके मुताबिक हाइवे के इस खास सेक्शन से रोजाना करीब 45 हजार वाहन गुजरते हैं। इस रोड से न सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी चार्ज हो जाएगी बल्कि हाइवे पर लगी लाइट्स और करीब 800 घरों की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था हो जाएगी। कुल मिलाकर चीन की यह रोड अपने आप में एक पावर हाउस से कम नहीं है।
इस रोड पर ट्रांसपेरेंट कंक्रीट के नीचे लगे हैं सोलर पैनल्स
अत्याधुनिक तकनीक ये बनी इस रोड पर ट्रांसपेरेंट कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है। यानि कि रोड पर सबसे नीचे सोलर पैनल और तमाम सेंसर लगे हैं। इनको कवर करता हुआ ट्रांसपेरेंट कंक्रीट सोलर पैनल समेत सभी डिवायसेस को सुरक्षित और फंक्शनल बनाए रखता है। 55 दिनों के भीतर स्मार्ट रोड का यह छोटा सा हिस्सा बनकर तैयार हुआ है।
2030 तक चीन के 10 परसेंट वाहन चलेंगे सेल्फ ड्राइविंग मोड में
इस कंपनी का कहना है कि वो इस रोड को सिर्फ बिजली बनाने का साधन नहीं बल्कि भविष्य के स्मार्ट वाहनों जैसा बनाना चाहते हैं। चीन की सरकार का मानना है कि साल 2030 तक पूरे देश में कुल वाहनों के करीब 10 परसेंट वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक, सेल्फ ड्राइविंग और स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर काम करने लगेंगे। ऐसे वाहनों को ध्यान में रखकर ही सरकार अपनी इस स्मार्ट रोड को और भी हाईटेक बनाना चाहती है।
'मेड इन चाइना 2025' प्लान का है हिस्सा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में जब 'मेड इन चाइना 2025' का प्लान सामने आया तो सरकार ने ऐसा स्मार्ट हाइवे बनाने पर काम शुरु किया। करीब 10 साल तक इस प्रोजेक्ट पर काम करने के बाद अब यह प्रोजेक्ट सक्सेस के बहुत करीब है। चीन की सरकार अब दुनिया को सिर्फ मोबाइल, कपड़े और खिलौने बेचकर संतुष्ट नहीं होना चाहती। सरकार देश मे एक ऐसा एडवांस्ड मैन्यूफैक्चर हब बनाना चाहती है, जो दुनिया को भविष्य की नई नई चीजें बनाकर दे।
31 हजार रुपए प्रति स्क्वैयर मीटर की लागत है भविष्य की इस सड़क की
चीन के जिनान शहर में बनाई गई इस स्मार्ट रोड को बनाने में करीब 3000 युआन प्रति वर्गमीटर की दर से खर्च लगा है। भारतीय रुपयों में देखें तो ऐसी स्मार्ट रोड को बनाने में प्रति वर्गमीटर करीब 31 हजार रुपए का खर्चा आएगा। हालांकि इस रोड के निर्माण कर रही कंपनी का दावा है कि अभी इसकी लागत बहुत ज्यादा है, क्योंकि अभी हम इस सड़क की निर्माण सामग्री Qilu कंपनी की लैब में ही तैयार कर रहे हैं। जब सरकार लार्ज स्केल पर इसका प्रोडक्शन करेगी तो इस स्मार्ट रोड की लागत काफी कम हो जाएगी।
चीन की इस हाईटेक स्मार्ट रोड की खूबियां जानने के बाद हम भारतीयों को अपने यहां बनने वाली मॉडल रोड्स शायद एक मजाक ही महसूस होंगी!
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