कियानजियांग इवनिंग पोस्ट अख़बार के अनुसार पूर्वी झ़ेजियांग प्रांत में डोंगयांग के एक अस्पताल में दो घंटे चले ऑपरेशन के दौरान ही इस आदमी के गुर्दे से यह पत्थर निकाले गए.
अस्तपाल के डॉक्टरों क कहना है कि मरीज़ के भारी मात्रा में टोफ़ू खाना और कम पानी पीना इसकी वजह हो सकती है.
डॉक्टर वी यूबिन कहते हैं, "सोया उत्पाद, ख़ासतौर पर जिप्सम टोफ़ू में कैल्शियम बहुत ज़्यादा मात्रा में होता है. ज़्यादा मात्रा में इसे खाने वाले को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना होता है ताकि यह शरीर से निकल सके."
'विश्व रिकॉर्ड भारत का'
ही मई महीने में डॉक्टर के पास पेटदर्द की शिकायत लेकर गए थे. उसके बाद हुए सीटी स्कैन में पता चला कि उनका बायां गुर्दा पत्थरों से भरा हुआ है.
डॉक्टरों का कहना है कि अगर ही ने कुछ देर और की होती तो उनके गुर्दे को निकालना पड़ता.
हालांकि गुर्दे में 420 पत्थर बहुत भारी संख्या लगती है लेकिन यह विश्व रिकॉर्ड से बहुत कम है.
गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक 2009 में भारत में एक डॉक्टर ने तीन घंटे के ऑपरेशन के दौरान एक मरीज़ के बाएं गुर्दे से 1,72,155 पत्थर निकाले थे.